Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ख़ुदा है वो भी

हमें फॉलो करें ख़ुदा है वो भी
लोग ख़ुश हैं उसे दे-दे- के इबादत का फ़रेब
वो मगर ख़ूब समझता है ख़ुदा है वो भी -------ग़नी एजाज़

बढ़ाओ हाथ फूलों की तरफ़ पर सोच लो इतना
गुलाबों की हिफ़ाज़त के लिए काँटे भी होते हैं

यूँ फिर रहा है काँच का पैकर लिए हुए
ग़ाफ़िल को ये गुमाँ है के पत्थर न आएगा ---अहमद फ़राज़

देख रहा है दरिया भी हैरानी से
मैंने कैसे पार किया आसानी से -----आलम ख़ुर्शीद

रस्ते में मुलाक़ात हुई सब्ज़ परी से
डरता हूँ मुझे खींच न ले जादूगरी से ----क़ुरबान आतिश

मुझको अपने ग़म से ही फ़ुरसत नहीं
क्या बताऊँ किस तरह जीता है दोस्त -----अज़ीज़ अंसारी

अपनी परछाईं डालते रहना
ऎ दरख़्तो संभालते रहना -------मोहम्मद अलवी

हुनर कुछ छीन लेने का भी सीखो
यहाँ माँगे से कुछ मिलता कहाँ है -----अभय कुमार

रोज़ तारों की नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है -----राहत इन्दौरी

धनक के रंग हों, गुल हो, शफ़क़ हो
तुम्हारे सामने हर रंग फीका-----------परवेज़

हम जिए और इस तरह से जिए
जैसे तूफ़ाँ में जल रहे हों दिये -------अज्ञात

जो दोस्तों की मोहब्बत से जी नहीं भरता
तो आस्तीन में दो-चार साँप पाल के रख -----अंजुम

इतना साँसों की रफ़ाक़त पे भरोसा न करो
सब के सब राख के अंबार में खो जाते हैं -----मुनव्वर राना

ख़त लिखोगे कहाँ हमें आख़िर
जोगियों का पता नहीं होता--------अम्बर

यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिराके अगर तुम संभल सको तो चलो --- निदा फ़ाज़ली

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi