सुकून-ए-दिल जहान-ए-बेश-ओ-कम में ढूँढने वाले
यहाँ हर चीज़ मिलती है सुकून-ए-दिल नहीं मिलता-----जगन्नाथ आज़ाद
अब मुझको है क़रार तो सबको क़रार है
दिल क्या ठहर गया कि ज़माना ठहर गया-------सीमाब अकबराबादी
सुकून जब से है खतरा ये दिल को हर दम है
कहीं वो पूछ न बैठें कि दर्द क्यों कम है --------हकीम नातिक़
ज़िंदादिली
दिल दे तो इस मिजाज़ का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी खुशी से गुज़ार दे--------दाग़
सबसे हँस कर मिलने वाले, हम को किसी से बैर नहीं
दुनिया है महबूब हमें, और हम दुनिया को प्यारे हैं ------जमील मलिक
ज़िन्दगी ज़िन्दादिली का नाम है
मुर्दा दिल खाक जिया करते हैं --------नासिख
न पूछ कैसे गुज़ारी है ज़िन्दगी ऎ दोस्त
बहुत तवील कहानी है फिर कभी ऎ दोस्त--------नामालूम
कहीं किसी से न रूदाद-ए-ज़िन्दगी मैंने
गुज़ार देने की शै थी गुज़ार दी मैंने ---------हकीम मखमूर
ये दुनिया रंज-ओ-राहत का ग़लत अंदाज़ा करती है
खुदा ही जानता है किस के दिल पर क्या गुज़रती है---- अकबर इलाहाबादी