Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

तबसिरा किताब जल से बोझिल बदली...

हमें फॉलो करें तबसिरा किताब जल से बोझिल बदली...
- अज़ीज़ अंसारी
(कहानियों की किताब - - मुसन्निफ़ क़ाज़ी मुश्ताक़)

WD
काज़ी मुश्ताक़ अहमद जाने-माने कहानीकार हैं- कई सालों से लिख रहे हैं। आपकी कई किताबें शाए हो चुकी हैं। ऐज़ाज़ात और इनआमात की एक लंबी फ़ेहरिस्त आपके साथ है। 'जल से बोझिल बदली' इनकी कहानियों की ताज़ा किताब है। 26 कहानियों की इस किताब में ज़्यादातर मुस्लिम घरानों की अच्छी-बुरी बातों और रस्म-रिवाजों को लेकर ताना-बाना बुना गया है। किताब की ये कहानियाँ अच्छी भी हैं और पढ़ने वाले पर असर भी करती हैं।

'माहौल ठीक है' में मुस्लिम ख़ानदान के मियाँ-बीवी दोनों बड़बोले और अपनी शान-शौकत व दौलत का बखान करने वाले हैं। कोई भी शरीफ़ और समझदार ख़ानदान ऐसे घर में रिश्ता करना नहीं चाहेगा। मगर यही बड़बोले मियाँ-बीवी अपनी अपाहिज माँ का बहुत ख़्याल रखते हैं। उसे किसी तरह की तकलीफ़ नहीं होने देते।

घर की लड़की भी बहुत समझदार, ख़ूबसूरत और दूसरों की इज़्जत करने वाली है। इसलिए झूठी शान दिखाने की बुराई को दरकिनार कर माहौल अच्छा बताया गया है। और ऐसे खानदान में लड़की से शादी करने की इजाज़त दे दी जाती है।
  जल से बोझिल बदली' इनकी कहानियों की ताज़ा किताब है। 26 कहानियों की इस किताब में ज़्यादातर मुस्लिम घरानों की अच्छी-बुरी बातों और रस्म-रिवाजों को लेकर ताना-बाना बुना गया है। किताब की ये कहानियाँ अच्छी भी हैं और पढ़ने वाले पर असर भी करती हैं।      


'दिल सुलगने का कारण' इस कहानी में भी मुस्लिम मआशरे का माहौल है। समाज की अच्छी बातों को बड़ी बारीकी और सूझ-बूझ से दिखाया गया है।

कृपा दृष्टि होने तक - ग़ालिब का एक मशहूर शे'र है
हमने माना के तग़ाफुल न करोगे लेकिन
ख़ाक हो जाएँगे हम तुमको ख़बर होने तक

शे'र के दूसरे मिसरे का हिन्दी में तरजुमा करके कहानी का टायटल बनाया गया है और यह पूरी कहानी ऐसा लगता है जैसे इसी शे'र को समझा रही है। उसका ख़ुलासा कर रही है। कहानी अच्छी है। वसीयत में जायदाद को लेकर कहानी का तानाबाना बुना गया है।

webdunia
WD
अपनी औलाद और एक ग़रीब अजनबी इंसान की खिदमत के बीच एक बाप की कशमकश का इज़हार बड़ी खूबसूरती से किया गया है। कहानी में यह तो नहीं बताया गया कि वसीयत किस के नाम की गई लेकिन पढ़ने वालों को यह अंदाज़ा लगाना आसान हो जाता है कि अजनबी ग़रीब खिदमतगार ही के नाम वसीयत की जाएगी।

प्रेम अपराध, खाली बरतन, कोढ़, ऊँचाई, पहचान, पिंजरा, जल से बोझिल बदली वग़ैरा भी मुस्लिम समाज की अच्छाइयों-बुराइयों को रूबरू कराती कहानियाँ हैं। इनमें सच्चाई भी झलकती है। कहानियाँ अच्छी हैं और दिल पर असर करती हैं।

लेकिन ज़्यादातर कहानियों में एक ही बात उभरकर सामने आती है कि शादी-ब्याह के लिए वही रिशता अच्छा होता है जो घर के बड़े अपने बच्चों के लिए पसंद करते हैं-

किताब में एक कहानी है 'मोहब्बत ज़िन्दा रहती है', इसमें सीधा-सीधा अंधविश्वास को बढ़ावा दिखाया गया है।
  प्रेम अपराध, खाली बरतन, कोढ़, ऊँचाई, पहचान, पिंजरा, जल से बोझिल बदली वग़ैरा भी मुस्लिम समाज की अच्छाइयों-बुराइयों को रूबरू कराती कहानियाँ हैं। इनमें सच्चाई भी झलकती है। कहानियाँ अच्छी हैं और दिल पर असर करती हैं।      


बाक़ी कहानियों पर सियासत और फिल्मों का बहुत गहरा असर है। इनमें वह गहराई नहीं पाई गई जो ऊपर ज़िक्र की गईं कहानियों में है। कहीं-कहीं तो पूरी कहानी एक रिपोर्ट जैसी मालूम होती है- किताब में मशहूर कहानीकार जोगिंदर पाल ने काज़ी मुश्ताक़ और उनकी कहानियों के बारे में लिखा है। इसके बाद दूसरे ऐसे लोगों की राय और मशवरों की क्या ज़रूरत थी, जिनका कहानी या अफ़साने से कोई वास्ता नहीं? इससे किताब के मेयार को ठेस पहुँचती है-

कहानियों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए 'जल बिन बोझिल मछली' एक अच्छी किताब है, जिसे घरों की अलमारियों और लायब्रेरियों में ज़रूर होना चाहिए।

पुस्तक : जल से बोझिल बदली
लेखक : मुसन्निफ़ क़ाज़ी मुश्ताक़
पुस्तक के पन्ने : 184
पता : मित्तल बुक एजेंसी
3072/5, गोल मार्केट, दरियागंज नई दिल्ली-2
क़ीमत रु. 195/-

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi