Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

ग़ज़ल- इकबाल

Advertiesment
हमें फॉलो करें ग़ज़ल- इकबाल
अजब बाइज़ की दींदारी है या रब
अदावत है इसे सारे जहाँ से

कोई अब तब न ये समझा कि इन्साँ
कहाँ जाता है, आता है कहाँ से

वहीं से रात को जुल्मत मिली है
चमक तारों ने पाई है जहाँ से

हम अपनी दर्द मन्दी का फ़साना
सुना करते हैं अपने राज़दाँ से

बड़‍ी बारीक हैं वाइज़ की चालें
लरज़ जाता है आवाज़े अज़ा, से !

***************

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi