देहरादून। चारधाम यात्रा के लिए चारों धामों में पंजीकरण फुल होने से अगले 7 दिनों के लिए 7 दिन के लिए ऑफलाइन काउंटरों को बंद कर दिया गया है। इससे चारधाम यात्रा पर आए करीब 4000 तीर्थयात्री ऋषिकेश में फंस गए हैं। फंसे हुए यात्री मजबूरन आईएसबीटी परिसर, धर्मशाला और होटलों में ठहरे हुए हैं। जब पंजीकरण के स्लॉट उपलब्ध होंगे, तब ही श्रद्धालुओं का पंजीकरण संभव हो सकेगा।
पर्यटन विभाग की जानकारी में यह भी आया है कि कुछ यात्री ऑफलाइन माध्यम से अगले महीनों का पंजीकरण कराकर पंजीकरण कराने के ही दिन यात्रा पर निकले रहे हैं। ये यात्री यात्रा मार्गों पर पंजीकरण चेक कर रही टीम द्वारा रोके जा रहे हैं।
चारों धामों में क्षमता से अधिक यात्री पहुंचने से पुलिस और प्रशासन को भीड़ को नियंत्रित करने में मुश्किल आ रही है। क्षमता से अधिक पंजीकृत होने के कारण यात्रियों को ऑनलाइन पंजीकरण भी नहीं मिल रहा। चारधाम यात्रा के लिए अक्टूबर तक के लिए 17.24 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं।
इस बार चारधाम यात्रा नए रिकार्ड बना रही है। केदारनाथ में 6 मई से गुरुवार तक 2,36,669 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। चारों धामों में 7 लाख 7 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। कुल 7,07,969 श्रद्धालु चार धाम के दर्शन कर चुके हैं। बदरीनाथ धाम में 8 मई से अभी तक 2,11,241 यात्री बदरी विशाल के आशीर्वाद ले चुके हैं। गंगोत्री धाम में 3 मई से आज तक 1,40,258 और यमुनोत्री धाम में 1,07,090 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
अभी तक 49 यात्रा मार्गों में श्रद्धालुओं की मौत भी हो चुकी है।केदारनाथ धाम में 21 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। यमुनोत्री धाम में 16 श्रद्धालुओं की मौत, गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत, बदरीनाथ धाम में भी 8 यात्रियों की मौत हुई है।
श्रद्धालुओं की लगातार मौतों के बाद सरकार ने 150 डॉक्टरों को यात्रा मार्ग पर तैनात करने का फैसला लिया है। इसके अलावा केदारनाथ और यमुनोत्री मार्ग पर 50 पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडरों को इंतजाम करने के लिए भी कहा गया है। ताकि जरूर पड़ने पर यात्री इनका इस्तेमाल कर सकें।