नई दिल्ली। अगर आपने अभी तक FASTag नहीं लिया है तो तुरंत ले लें, क्योंकि आज से पूरे देश में नेशनल हाइवे टोल्स पर भुगतान के लिए यह अनिवार्य हो गया है वरना आपको तगड़ा जुर्माना देना होगा। जिन लोगों ने अब तक अपने वाहनों पर इसे नहीं लगाया है या जिनके वाहनों पर ये टैग लगा तो है लेकिन काम नहीं कर रहा, ऐसे लोगों को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। जुर्माने के रूप में ग्राहकों को अपने वाहन की कैटेगरी के हिसाब से लगने वाले टैक्स की दोगुनी रकम देनी पड़ सकती है।
टोल भुगतान के लिए FASTag अनिवार्य हो जाने के कारण टोल नाकों पर वाहनों की लंबी लाइनें देखी जा रही हैं। हालांकि FASTag के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रूकना नहीं पड़ता है। इससे टोल प्लाजा पर लगने वाला समय में भी कमी आएगी और यात्रा भी सुगम होगी। सोमवार के आधी के बाद यह लागू होने से नकद भुगतान से भी छुटकारा मिल जाएगा, साथ ही ईंधन की भी बचत होगी।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि FASTag के कार्यान्वयन की समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहन मालिकों को तुरंत इस ई-भुगतान सुविधा को अपनाना चाहिए। FASTag टोल प्लाजाओं पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। टैग अनिवार्य बनाने से यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि वाहनों को टोल प्लाजा के माध्यम से बिना रुके गुजरने की सुविधा दी जाए।
उन्होंने कहा कि कुछ मार्गों पर FASTag का पंजीकरण 90 प्रतिशत हो गया है और केवल 10 प्रतिशत लोग ही बचे हैं। उन्होंने कहा कि टोल नाकों पर भी FASTag उपलब्ध है और लोगों को इसका इस्तेमाल सहज यातायात के लिए करना चाहिए।
क्या है FASTag ? : FASTag एक प्रकार का टैग या स्टीकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। FASTag रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टीकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपने आप FASTag के वॉलेट से कट जाती है। यह साल 2011 में लागू किया गया था और साल 2017 के बाद खरीदे जाने वाले सभी वाहनों के लिए FASTag को जरूरी कर दिया गया था।