नई दिल्ली। हेल्थ इंश्योरेंस करवाने वालों के लिए अच्छी खबर है। अगर आपने लगातार 8 साल तक हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरा हो तो बीमा कंपनियां दावे नहीं ठुकरा सकतीं। बीमा नियामक इरडाई ने अपने ताजा दिशा-निर्देशों में कहा है कि स्वास्थ्य बीमा कंपनियां लगातार 8 साल तक प्रीमियम लेने के बाद बीमा दावों पर आनाकानी नहीं कर सकती हैं।
इरडाई ने कहा कि इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य क्षतिपूर्ति आधारित स्वास्थ्य बीमा (व्यक्तिगत दुर्घटना और घरेलू/विदेश यात्रा को छोड़कर) उत्पादों में बीमे की रकम पाने के लिए सामान्य नियम और शर्तों का मानकीकरण करना है। इसके लिए पॉलिसी करार के सामान्य नियमों और शर्तों की भाषा को आसान बनाया जाएगा और पूरे उद्योग में एकरूपता सुनिश्चित की जाएगी।
इरडाई ने कहा कि ऐसे सभी मौजूदा स्वास्थ्य बीमा उत्पाद, जो इन दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं हैं, उन्हें 1 अप्रैल 2021 से नवीनीकरण के समय संशोधित किया जाएगा।
बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने कहा कि पॉलिसी के लगातार 8 साल पूरे होने के बाद पॉलिसी को लेकर कोई पुनर्विचार लागू नहीं होगा। इस अवधि के बीतने के बाद कोई भी स्वास्थ्य बीमा कंपनी किसी भी दावे पर विवाद नहीं कर सकती है।
हालांकि इसमें धोखाधड़ी के साबित मामले शामिल नहीं है। पॉलिसी अनुबंध में स्थायी रूप से जिस चीज को अलग रखा गया है उसे भी शामिल नहीं माना जाएगा। साथ ही पॉलिसी अनुबंध के अनुसार सभी सीमा, उप-सीमा, सह-भुगतान और कटौती लागू होंगी। आठ वर्षों की इस अवधि को अधिस्थगन अवधि कहा जाएगा।
नियामक ने ‘स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी अनुबंध में सामान्य नियम और शर्तों का मानकीकरण’ पर जारी दिशा-निर्देशों में कहा कि यह स्थगन पहली पॉलिसी की बीमाराशि के लिए लागू होगा और उसके बाद लगातार 8 वर्ष पूरे होने में यह बढ़ी बीमा राशि की तिथि के बाद केवल बढ़ी हुई बीमाराशि पर लागू होगा।
दावा निपटान पर इरडाई ने कहा कि सभी जरूरी दस्तावेज मिलने के 30 दिनों के भीतर बीमा कंपनी के लिए दावे का निपटान या उसे अस्वीकार करना जरूरी है। किसी दावे के भुगतान में देरी के मामले में नियामक ने कहा कि ऐसे में बीमा कंपनी को ब्याज का भुगतान करना होगा। (एजेंसियां)