नई दिल्ली। देश के 5 करोड़ से अधिक ईपीएफ (EPF)खाताधारकों के लिए खुशखबर है। अब नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर कराने की आवश्यकता नहीं होगी। EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने फैसला लिया है कि नौकरी बदलने पर पुराने अकाउंट और नए पीएफ अकाउंट का अपने आप विलय हो जाएगा।
नौकरी चाहे जितनी बदलें, लेकिन एक ही पीएफ अकाउंट रहेगा। पुराने पीएफ अकाउंट के बैलेंस एक ही अकाउंट में अपने आप जमा हो जाएंगे। सब्सक्राइबर चाहें तो पुराने अकाउंट को ही नए संस्थान में भी जारी रख सकते हैं। इसके लिए CBT ने सेंट्रलाइज्ड आईटी सिस्टम बनाने को मंजूरी दी है।
CBT ने ईपीएफओ के इंवेस्टमेंट कमेटी को ज्यादा अधिकार देने का भी फैसला किया गया है। ईपीएफओ के पैसे का निवेश के लिए ज्यादा अधिकार मिलेगा। सोशल सिक्युरिटी कोड को लागू करने और मेंबर का पेंशन बढ़ाने के लिए कमेटी बनाने का भी फैसला लिया गया है। श्रम मंत्री की अध्यक्षता में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने फैसला लिया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान सदस्यों की वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए विशेष निकासी का प्रावधान मार्च 2020 में किया गया था।
कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में इस आशय का एक संशोधन भी किया गया था। संशोधन के तहत 3 महीने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते (जो मूल वेतन के रूप में हो) की सीमा तक या EPF अकाउंट में सदस्य की कुल राशि के 75 प्रतिशत तक जो भी कम हो फंड को निकाला जा सकता है। इस फंड को वापस करने की आवश्यकता नहीं है। कोई भी सदस्य कम फंड के लिए भी आवेदन कर सकता है।
केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने सरकारी उन्नत कंप्यूटिंग एजेंसी सी-डैक के जरिए ईपीएफओ के लिए एक केंद्रीकृत सूचना-प्रौद्योगिकी प्रणाली स्थापित करने का निर्णय किया है।
इससे संगठन के सभी क्षेत्री डाटा को चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय डाटा बेस में संग्रहीत कर दिया जाएगा। इससे श्रमिकों के ईपीएफ खातों में दोहराव दूर करने और किसी एक कर्मचारी के अलग अलग खातों को एक में समाहित करना आसान हो जाएगा और नौकरी बदलने पर ईपीएफ खाता स्थानांतरित कराने का झंझट दूर होगा।
सितंबर में 15 लाख से ज्यादा सदस्य जुड़े : ईपीएफओ) के साथ इस वर्ष सितंबर में कुल 15.41 लाख अंशदाता जुड़े। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने जानकारी दी कि इनमें से करीब 9 लाख पहली बार ईपीएफ योजना में रजिस्टर्ड हुए हैं।
इसी मंत्रालय के तहत आने वाले ईपीएफओ के रोजगार के ताजा अनंतिम आंकड़ों के अनुसार ईपीएफओ ने सितंबर में लगभग कुल 15.41 लाख अंशधारक दर्ज किए हैं। यह संख्या अगस्त की तुलना में 1.81 लाख अधिक है। अगस्त 2021 में 13.60 लाख अंशधारक जुड़े थे।
ईपीएफओ के अनुसार सितंबर में जुड़े कुल 15.41 लाख ग्राहकों में से, लगभग 8.95 लाख नए सदस्यों को पहली बार ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के तहत पंजीकृत किया गया है। इस दौरान नौकरी बदलकर दूसरे प्रतिष्ठान की ओर से पंजीकृत अंशधारकों की कुल संख्या 6.46 लाख रही। ऐसे अंशधारकों ने ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता जारी रखने के लिए अंतिम निकासी का विकल्प चुनने के बजाय अपने धन को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना।