Sukanya Samriddhi Yojana : बेटियों के भविष्य को देखते हुए जमा पूंजी इकट्ठा करने के लिए मोदी सरकार ने 2015 में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) की शुरुआत की थी। समय-समय पर केंद्र सरकार इस योजना के नियमों और ब्याज दर में बदलाव करती रहती है। आइए जानते हैं अब क्या बदलाव हुए हैं-
1. तीसरी बेटी पर छूट का फायदा नहीं : केंद्र सरकार की इस योजना में पहले दो बेटियों के खाते पर ही 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता था। तीसरी बेटी पर यह फायदा नहीं था, लेकिन अब यदि एक बेटी के बाद दो जुड़वां बेटियां होती हैं तो उन दोनों के लिए भी खाता खोलने का प्रावधान है। यानी आप एक साथ तीन बेटियों के नाम पैसा जमा कर सकते हैं। खबरों के मुताबिक तीसरी बेटी के खाते पर भी छूट मिलेगी।
2. डिफाल्ट नहीं होगा अकाउंट : सुकन्या समृद्धि योजना में हर साल कम से कम 250 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा करने का प्रावधान है। पहले न्यूनतम राशि जमा नहीं होने पर अकाउंट डिफाल्ट हो जाता था। लेकिन अब नए प्रावधान के तहत ऐसा नहीं होगा। अकाउंट को दोबारा एक्टिव नहीं कराने पर मैच्योर होने तक खाते में जमा राशि पर लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा।
3. समय पर ब्याज : नए नियमों के अनुसार खाते में गलत ब्याज डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है। इसके अतिरिक्त खाते का सालाना ब्याज हर वित्त वर्ष के अंत में वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा।
4. आसान हुआ अकाउंट बंद करवाना : सुकन्या समृद्धि योजना के अकाउंट को पहले बेटी के गुजर जाने या उसका पता बदलने पर बंद किया जा सकता था, लेकिन अब अगर अकाउंट होल्डर्स को जानलेवा बीमारी हो तो भी अकाउंट को बंद कराया जा सकता है।
5. 18 साल की उम्र में बेटी ऑपरेट कर पाएगी अकाउंट : पहले के नियम के मुताबिक बेटी की उम्र 10 साल पूरी होने पर वह खुद अपने अकाउंट को ऑपरेट कर सकती थी। लेकिन अब बेटी की उम्र 18 साल पूरी होने पर ही ऑपरेट करने का अधिकार मिलेगा। इससे पहले बेटी के अभिभावक इस अकाउंट को ऑपरेट कर सकेंगे।