यहां से एक बेहद हैरान कर देने वाली खबर सामने आई। यहां एक युवक ने नशा मुक्ति केंद्र भेजे जाने के डर से ऐसा कदम उठाया, जिसने डॉक्टरों को भी चौंका दिया। युवक ने गुस्से और झुंझलाहट में आकर लगातार कई दिनों तक अखाद्य सामग्री जिसमें स्टील के चम्मच, टूथब्रश, प्लास्टिक के पेन जैसे कई खतरनाक वस्तुएं निगल लीं।
यह घटना हापुड़ के देवनंदिनी अस्पताल की है, यहां पेट दर्द से कराहते एक युवक की मेडिकल परीक्षण के लिए लाया गया तो डॉक्टर दंग रह गए। युवक के पेट में बड़ी संख्या में धातु और प्लास्टिक जैसी वस्तुएं दिखाई दीं। एक्स-रे और अन्य स्कैन रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि युवक के पेट में करीब 29 स्टील की चम्मच, 19 टूथब्रश, प्लास्टिक के पेन और अन्य वस्तुएं फंसी हुई थीं।
युवक की हालत नाजुक होते देख अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. श्याम कुमार के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम का गठन किया गया। करीब साढ़े तीन घंटे तक चले इस जटिल ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने युवक के पेट से कुल 50 से अधिक खतरनाक सामान सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिए।
डॉ. श्याम कुमार ने बताया कि ऑपरेशन बेहद संवेदनशील था, क्योंकि धातु और प्लास्टिक जैसी वस्तुएं पेट में आंतों को नुकसान पहुंचा सकती थीं। समय रहते सर्जरी हो जाने से युवक की जान बच गई। मिली जानकारी के मुताबिक 40 वर्षीय सचिन बुलंदशहर का रहने वाला है। सचिन के परिजन उसकी लत से परेशान थे, जिसके चलते उसे नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया गया था। यहां उसने खुद को अकेला और असहाय महसूस किया और यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
डॉक्टर का कहना है कि युवक अब खतरे से बाहर है, यह साइको ((मानसिक रोगी) पेशेंट है। इसके चलते उसे विशेष देखभाल की आवश्यकता है। यह मामला न केवल चिकित्सा दृष्टिकोण से दुर्लभ है, बल्कि नशे की लत और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को भी दर्शाता है।