मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने के बीच दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ पूरी तरह एक्शन नजर आ रहे हैं। किसी भी तरह की हिंसा और अलगाव को रोकने के लिए उन्होंने कड़े कदम उठाए हैं। आइए जानते हैं योगी के वे बड़े कदम जो यूपी को सांप्रदायिक हिंसा से बचाएंगे...
अधिकारियों की छुट्टियां रद्द : आगामी 4 मई तक राज्य के सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। ऐसे अधिकारी जो छुट्टी पर हैं, उन्हें 24 घंटे के भीतर ड्यूटी पर उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
धर्मगुरुओं से संवाद : थानाध्यक्ष से लेकर एडीजी तक अगले 24 घंटे के भीतर अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ सतत संवाद बनाएं।
शरारती तत्वों पर सख्ती : मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं।
बिना अनुमति जुलूस नहीं : ईद के त्योहार और अक्षय तृतीया के एक ही दिन पड़ने और आने वाले दिनों में कई अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों को देखते हुए निर्देश दिया है कि शोभायात्रा अथवा धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाले जाएं।
लाउडस्पीकर को लेकर निर्देश : त्योहारों के दौरान लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि उसकी आवाज उस परिसर से बाहर न जाए। नए आयोजनों और नए स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न दी जाए।
धार्मिक कार्यक्रमों से यातायात बाधित न हो : मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि धार्मिक कार्यक्रम और पूजा केवल निर्धारित स्थानों पर ही आयोजित की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी धार्मिक कार्यक्रम सड़कों या यातायात को बाधित करके न हो।
संवेदनशील रहने की हिदायत : शासन और प्रशासन के अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करते हुए पुलिस को अतिरिक्त तौर पर संवेदनशील रहने की हिदायत दी गई है।