कानपुर। अभी तक आपने स्पाइडरमैन (SpiderMan) को टीवी पर ही देखा होगा और बच्चों के मुंह से स्पाइडरमैन (SpiderMan) की कहानियां सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको नन्हे स्पाइडरमैन दास्तां बताने जा रहे हैं, जो पलक झपकते ही 8 से 10 फुट की दीवार चढ़ जाता है। इसकी इस अनोखी कला से इसे स्कूल में व आसपास के लोगों कानपुर का नन्हा स्पाइडरमैन कहकर बुलाते हैं।
कौन है कानपुर का नन्हा स्पाइडरमैन : कानपुर के गोविंद नगर की दादा नगर कॉलोनी में रहने वाले शैलेंद्रसिंह अपनी पत्नी गरिमा व दो बेटों के साथ रहते हैं। बड़े बेटे का नाम कार्तिकेय है और छोटे का नाम यथार्थ है। शैलेंद्र सिंह का छोटा बेटा यथार्थ सिर्फ 8 वर्ष का है और वह कक्षा 3 का छात्र है।
यथार्थ स्पाइडरमैन को अपना रियल हीरो मानता है जिसके चलते यथार्थ भी दीवार पर चढ़ने का प्रयास काफी लंबे समय से कर रहा है और उसका यह प्रयास 1 दिन सफल भी हो गया। वह तेजी के साथ 10 फुट की दीवार पर चढ़ने व उतरने लगा, लेकिन दीवार पर चढ़े उसको उसके बड़े भाई कार्तिकेय ने देख लिया और घर में मौजूद मां गरिमा को इसकी जानकारी दी तो मां गरिमा ने यथार्थ को डांटा और फिर उसकी शिकायत उसके पिता शैलेंद्र से कर दी। पिता शैलेंद्र ने भी यथार्थ को समझा-बुझाकर दीवार पर चढ़ने से मना किया।
यथार्थ ने फिर भी स्पाइडर-मैन की तरह दीवार पर चढ़ना बंद नहीं किया और एक दिन यथार्थ ने अपने भाई की मदद से फेसबुक आईडी बनाई और उस पर दीवार पर चढ़ते हुए का वीडियो बनाकर अपलोड कर दिया। इसे एक महीने में 5,40,000 लोगों ने देखा। 1 लाख 1 हजार लाइक व 1 लाख कमेंट आए। यह देख घरवाले हैरान हो गए। उसका यह वीडियो पूरे कानपुर शहर में वायरल हो गया और उसे स्कूल में कानपुर का नन्हा स्पाइडरमैन कहकर बुलाने लगे।
आईपीएस बनना चाहता है यथार्थ : कानपुर का नन्हा स्पाइडरमैन यथार्थ अपनी इस कला को लेकर बेहद खुश है। वह कहता है कि मुझे बहुत अच्छा लगता है जब स्कूल में लोग मुझे स्पाइडरमैन के नाम से पुकारते हैं। मैं बड़े होकर आईपीएस अधिकारी बनना चाहता हूं। यथार्थ का कहना है कि उसे भी स्पाइडरमैन की तरह लोगों की व देशसेवा करनी है। यथार्थ ने बताया कि दीवार पर चढ़ने के दौरान कई बार में गिरा भी है और डर भी लगा लेकिन लगातार प्रैक्टिस करने से 1 दिन व 10 फुट की पूरी दीवार चढ़ गया और तब से वह लगातार दीवार पर आराम से चढ़ जाता है।
क्या कहते हैं माता-पिता : यथार्थ की मां गरिमा सिंह ने बताया कि जब मुझे यह पता लगा कि यह दीवार पर चढ़ता है तो मैं डर गई थी। मैंने उसे डांटकर मना भी किया और इसकी शिकायत मैंने यथार्थ के पिताजी से की। उन्होंने भी यथार्थ को समझाया लेकिन इसने दीवार पर चढ़ना बंद नहीं किया। आज स्कूल और मोहल्ले के लोग इसे नन्हा स्पाइडरमैन के नाम से बुलाते हैं तो मुझे भी बेहद खुशी होती है। उन्होंने कहा कि वह आईपीएस बनना चाहता है हम उसे वह सब कुछ देंगे जिससे कि वह अपना सपना पूरा कर सके।