श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन
86 वर्षीय दीक्षित पिछले कुछ दिनों से बीमार थे
Laxmikant Dixit passed away: अयोध्या में भव्य राम मंदिर में श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले मुख्य पुजारी आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit) का शनिवार सुबह निधन हो गया। परिजनों ने वाराणसी (यूपी) में यह जानकारी दी। परिजनों ने बताया कि वे 86 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनका दाह संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा।
आचार्य दीक्षित की गिनती काशी के वरिष्ठ विद्वानों में होती है : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य मंदिर में भगवान श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। आचार्य दीक्षित की गिनती काशी के वरिष्ठ विद्वानों में होती है। आचार्य दीक्षित के द्वारा काशी के 121 ब्राह्मणों ने अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई थी।
महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले थे : लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले थे लेकिन कई पीढ़ियों से उनका परिवार काशी में रह रहा है। वे सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे।
योगी आदित्यनाथ ने दु:ख प्रकट किया : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन पर दु:ख प्रकट करते हुए सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्रीराम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षितजी का गोलोकगमन अध्यात्म और साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।
योगी ने कहा कि संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि वे दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और उनके शिष्यों तथा अनुयायियों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
Edited by: Ravindra Gupta