अलीगढ़/ लखनऊ (यूपी)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को अलीगढ़ के अतरौली पहुंचकर उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके निधन से दबे, कुचले और पिछड़ों ने अपना एक हितचिंतक गंवाया है।
कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार को प्रदेश के बुलंदशहर जिले के राजघाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार की रात 9.15 बजे लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में निधन हो गया था। वे 89 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार थे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज अलीगढ़ के अतरौली स्थित लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में पहुंचे जहां कल्याण का पार्थिव शरीर रखा गया है। शाह ने उनके अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शाह ने कहा कि आज मैं कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए आया हूं। कल्याण सिंह का इस दुनिया से जाना भाजपा की बहुत बड़ी क्षति है।
उन्होंने कहा कि उनके (कल्याण) जाने के साथ ही भाजपा ने अपना एक दिग्गज और हमेशा संघर्षरत रहने वाला नेता खोया है। देश भर के दबे कुचले और पिछड़ों तथा विशेषकर उप्र के दबे कुचले पिछड़ों ने अपना एक हित चिंतक गंवाया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के कल्याण सिंह बड़े नेता रहे और राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए सत्ता त्याग करने में तनिक भर भी उन्होंने नहीं सोचा।
पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए शाह ने कहा कि जब राम जन्मभूमि का शिलान्यास हुआ तो उसी दिन बाबूजी से बात हुई तो बड़े हर्ष और संतोष से उन्होंने बताया कि आज मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हुआ। उनका पूरा जीवन विकास और उप्र के लोगों को लिए समर्पित रहा। उप्र को अच्छा प्रदेश बनाने के लिए वह कार्यरत रहे।
उन्होंने कहा कि इतने बड़े गरीब तबके से उठकर इतना बड़ा नेता बनना, विचारधारा के लिए संघर्ष करना, समाज के लिए समर्पित रहना, यह सब हम सब भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा की चीजें रहेंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के अंदर एक बड़ी रिक्तता निर्मित हुई है और इसे लंबे समय तक भर पाना मुश्किल होगा।
शाह ने कहा कि आज काफी समय से सक्रिय राजनीति में न रहते हुए भी जिस प्रकार जनसैलाब बाबूजी को श्रद्धांजलि देने आया, विशेषकर युवाओं को देख रहा हूं, वह यही साबित करता है कि उप्र के सार्वजनिक जीवन पर उन्होंने एक गहरी छाप छोड़ी है। हम हृदय से गहरी श्रद्धांजलि देते हैं और वादा करते हैं गरीबों, पिछड़ों और दबे कुचलों के लिए संघर्षरत रहेंगे, इतना ही कह सकता हूं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी श्रद्धांजलि में कहा कि कल्याण सिंह व्यक्ति नहीं, एक संस्था थे, एक आंदोलन थे। उनके दिमाग में गरीब, किसान,, पिछड़े और शोषित के कल्याण की भावना थी। वह केवल उनके नेतृत्व में ही नहीं, उनकी कविताओं में भी प्रदर्शित होती थी। उन्होंने क्रांति का शंखनाद किया था। चौहान ने कल्याण सिंह की एक कविता भी सुनाई और कहा कि सामान्य परिवार में जन्म लेकर उप्र के मुख्यमंत्री तक का सफर और अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प उनके बिना पूरा नहीं हो सकता था।
उन्होंने मध्य प्रदेश की 8.50 करोड़ जनता की ओर से कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह ने कहा कि राजनीति में ऐसे सच्चे नेता विरले होते हैं, जिन्हें जनसमर्थन प्राप्त होता हैं और उनके प्रति सच्ची श्रद्धा है। इस दौरान उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे।
इस अधिकारियों ने बताया कि उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार को प्रदेश के बुलंदशहर जिले के राजघाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अधिकारियों ने यहां बताया कि सिंह का पार्थिव शरीर आज सुबह साढ़े नौ बजे अलीगढ़ के अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम से उनके पैतृक गांव मढौली के लिए ले जाया गया जहां उनके अंतिम दर्शन के बाद उन्हें बुलंदशहर के राजघाट ले जाया जाएगा।
सिंह की अंतिम यात्रा अलीगढ़ के अहिल्याबाई स्टेडियम से सुबह निकली और करीब 17 किलोमीटर की दूरी तय कर अतरौली के लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में पहुंची। अतिथि गृह में उनका पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। वहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई प्रमुख नेताओं ने रविवार को लखनऊ पहुंचकर उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए विधान भवन और प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी रखा गया था।
कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर रविवार की शाम अलीगढ़ के धनीपुर हवाई पट्टी पर एयर एंबुलेंस से पहुंचा और उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तरप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा एटा से भाजपा सांसद और कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह दूसरे विमान से पहुंचे।
अलीगढ़ में रविवार की रात उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारत माता का सच्चा सपूत बताया। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह ने उनके दौर की भारतीय राजनीति को गहराई से प्रभावित किया। यहां अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम में दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि भगवान राम के प्रति कल्याण सिंह में ऐसा प्रेम था कि उन्होंने सत्ता की परवाह नहीं की। उन्होंने कहा कि राम और सत्ता में एक को चुनना पड़ा तो उन्होंने राम के लिए सत्ता को त्याग दिया।
योगी ने कहा कि हजारों लोग अपने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने उमड़ रहे हैं वह एक सच्चे राष्ट्रभक्त और अपनी धरती के बेटे के प्रति उनके प्यार का सबूत है। उन्होंने कहा कि सिंह ने अपने शासन के दौरान राज्य को एक आपराधिक माफिया के वर्चस्व वाली राजनीतिक बेड़ियों से मुक्त करके दंगा मुक्त और भयमुक्त समाज का शासन स्थापित किया।
रविवार को प्रधानमंत्री के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं ने लखनऊ में सिंह को श्रद्धांजलि दी। कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार थे और 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या स्थित विवादित ढांचा गिराए जाने के वक्त उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इस घटना के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
सिंह को पिछली 4 जुलाई को संक्रमण तथा स्वास्थ्य संबंधी कुछ अन्य समस्याएं होने पर एसजीपीजीआई के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया था। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और शनिवार रात उनका निधन हो गया। पिछले साल सितंबर में भाजपा के दिग्गजों लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ वह विध्वंस के मामले में बरी किए गए जिसमें उनके समेत 32 अन्य लोगों पर ढांचा ध्वंस का आरोप था। उन्होंने 1990 के दशक में उत्तरप्रदेश में भाजपा को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।(भाषा)