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आयुष्मान भारत योजना ने पूरे किए 7 साल, यूपी आयुष्मान कार्ड निर्माण में सबसे आगे

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

लखनऊ , बुधवार, 24 सितम्बर 2025 (19:52 IST)
  • सीएम योगी के निर्देश पर योजना के 7 वर्ष पूरे होने पर पूरे प्रदेश में आयोजित किये गये विभिन्न कार्यक्रम
  • पूरे देश में सबसे अधिक यूपी में 5.38 करोड़ लोगों को बनाया जा चुका है आयुष्मान कार्ड
  • योजना के जरिये गरीब, वंचित और जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध कराया जा रहा निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण इलाज 
Ayushman Bharat Scheme: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंगलवार को पूरे प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)के सात साल पूरे होने आयुष्मान भारत दिवस के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके तहत प्रदेश के हर जिले में विशेष रूप से शिविर का आयोजन किया गया है, जहां पर आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर 2018 को योजना का शुभारंभ किया गया था। अब यह दुनिया की सबसे बड़ी सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बन चुकी है। इस योजना का उद्देश्य गरीब, वंचित और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, और इसमें उत्तर प्रदेश ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। 
 
यूपी में 5.38 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बने : सांची की सीईओ अर्चना वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने आयुष्मान भारत योजना में अपनी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। राज्य में अब तक कुल 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिससे उत्तर प्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है।

राज्य के 87 प्रतिशत पात्र परिवारों में कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन चुका है, जो इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को दर्शाता है। सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के बाद, कई महत्वपूर्ण श्रेणियों के लाभार्थियों को योजना में शामिल किया गया है। इनमें कुम्भ वर्कर्स, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लाभार्थी, NFSA डेटा, STPHH, मान्यता प्राप्त पत्रकार, आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और सहायकाएं, निर्माण श्रमिक (BOCW), अंत्योदय कार्ड धारक, अत्यंत पिछड़ी जनजातियां (PVTG), और 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
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योगी योजना को और अधिक व्यापक बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में घोषणा की है कि अब प्रदेश के शिक्षक भी इस योजना से लाभान्वित होंगे। इस तरह यह योजना अब एक यूनिवर्सल कवरेज की दिशा में आगे बढ़ रही है, और इसका उद्देश्य है कि राज्य का प्रत्येक पात्र लाभार्थी इस योजना का लाभ प्राप्त कर सके।
 
अब तक 74.40 लाख लाभार्थी योजना का उठा चुके हैं लाभ : सीईओ ने बताया कि अब तक प्रदेश में 74.40 लाख लाभार्थियों को योजना के तहत सूचीबद्ध चिकित्सालयों में निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा चुका है। इस पर कुल 12,283 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उपचार सेवाओं की सहज उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में 2921 सरकारी और 3088 निजी अस्पतालों सहित कुल 6099 चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया गया है, जो पूरे देश में सर्वाधिक संख्या है। योजना के तहत तृतीयक उपचार सेवाओं पर अब तक 4200 करोड़ खर्च किए गए हैं, जिसमें कैंसर, कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, अंग प्रत्यारोपण, शिशु कैंसर, प्लास्टिक सर्जरी और अन्य विशिष्ट उपचार शामिल हैं।
 
आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने सात वर्षों में यह साबित कर दिया है कि यह योजना न केवल गरीब और वंचित वर्ग को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराती है, बल्कि भारत को सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में मजबूत और निर्णायक कदम भी प्रदान करती है। इस योजना का आगे और अधिक परिवारों तक विस्तार होने की पूरी संभावना है, और यह अपने उद्देश्यों को पूर्ण करेगी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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