लखनऊ। उत्तरप्रदेश के कानपुर में थाना चौबेपुर के अंतर्गत 2 व 3 जुलाई की मध्यरात्रि हुए बिकरू कांड में मुखबिरी के आरोप में तत्कालीन एसओ विनय तिवारी के साथ हलका इंचार्ज केके शर्मा को प्रथम दृष्टि दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया था और गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
इसी दौरान दोनों के ही ऊपर विभागीय कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए गए थे और जांच अधिकारी एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव को बनाया गया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसपी ग्रामीण की जांच पूरी हो चुकी है और उन्होंने दोनों को मुखबिरी करने का आरोपी माना है और अपनी रिपोर्ट डीआईजी/एसएसपी कानपुर को सौंप दी है। इसके बाद तत्कालीन एसओ विनय तिवारी के साथ हलका इंचार्ज केके शर्मा की बर्खास्तगी की भी कार्रवाई हो सकती है।
जांच में पाए गए मुखबिरी के दोषी : बिकरू कांड में तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और हलका इंचार्ज केके शर्मा के जेल जाने के बाद विभागीय जांच एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव को सौंपी गई थी। एसपी ग्रामीण की जांच में दोनों दोषी पाए गए हैं। एसपी ग्रामीण ने एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह को जांच रिपोर्ट सौंप दी।
इसमें दोनों पुलिसकर्मियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिपोर्ट बतौर साक्ष्य पेश की गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में एसपी ग्रामीण ने बताया है कि 2 जुलाई को हलका प्रभारी केके शर्मा की विकास दुबे से करीब पांच बार बात हुई थी।
जांच रिपोर्ट में केके शर्मा को मुखबिर माना गया है कि उसने दबिश की सूचना अपराधी विकास दुबे को दी थी। 2 जुलाई को तत्कालीन एसओ विनय तिवारी से भी विकास की बातचीत होने की पुष्टि हुई है। घटना की रात भी विनय तिवारी ने दूसरे मोबाइल से अपराधी विकास दुबे से बात की थी।
जांच रिपोर्ट में एसपी ग्रामीण में अपराधी विकास दुबे से दोनों के संबंध होने की भी पुष्टि की है। साथ ही यह भी बताया है कि पुलिस के पहुंचने की जानकारी भी इन्हीं के जरिए से अपराधी विकास दुबे तक पहुंची थी। अपराधी विकास दुबे और दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध होने की भी पुष्टि हुई है।
हो सकते हैं बर्खास्त : बिकरू कांड में मुखबिरी के आरोप में निलंबित चल रहे तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और हलका इंचार्ज केके शर्मा के जेल हैं और अब विभागीय जांच भी पूरी हो चुकी है जिसमें दोनों को ही मुखबिरी करने का दोषी माना गया है।
सूत्रों की मानें तो पुलिस विभाग निलंबित चल रहे हैं। विनय तिवारी और केके शर्मा की बर्खास्तगी पर भी विचार कर रही है और जल्द ही विनय तिवारी और केके शर्मा के खिलाफ अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की दंड-अपील नियमावली 1991 के नियम 14 (1) के तहत कार्रवाई हो सकती है और दोनों ही पुलिस विभाग से बर्खास्त किए जा सकते हैं।