Sonbhadra Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक युवती शादी के पवित्र बंधन में बंधकर पिया घर पहुंची, लेकिन कुछ घंटे पश्चात ससुराल वालों की आंख में धूल झोंककर प्रेमी के साथ फरार हो गई। दुल्हन के गायब होने की सूचना लड़का-लड़की के गांव में आग की तरह फैल गई, तरह-तरह की चर्चा होना स्वाभाविक भी था। लिहाजा गांव में पंचायत बैठाई गई, जिसमें 3 गांवों के प्रधान, ग्रामीण और वर-वधु पक्ष के परिजन शामिल हुए। पंचायत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद प्रेमी को निर्देश दिया कि वह तीन लाख रुपए का हर्जाना दुल्हा पक्ष को दे ताकि विवाह में जो उनको आर्थिक नुकसान पहुंचा है उसकी भरपाई हो सके।
मामला सोनभद्र जनपद के बभनी थाना क्षेत्र का है। जहां 27 मई में एक युवती की शादी पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। शादी के महज कुछ घंटे बाद ही दुल्हन ने अपने प्रेमी को फोन कर ससुराल बुला लिया और मौका पाते ही वह बाइक पर बैठकर प्रेमी के साथ रफूचक्कर हो गई। वर पक्ष ने दुल्हन की चारों तरफ तलाश शुरू की, लेकिन पता न चलने पर युवती के परिजनों को सूचना दी।
लड़की पक्ष भी सुनकर अचंभित हो गया कि बेटी ससुराल से कहीं चली गई, मामले में नाटकीय मोड़ उस समय आया जब प्रेमी युवती को कुछ घंटों बाद उसके मायके छोड़ गया। प्रेमी के छोड़कर जाने के बाद युवती के परिजनों ने उसे काफी समझाया कि वह अब शादीशुदा है लिहाजा पति के साथ उसके घर रहे, लेकिन युवती अपने प्रेमी के साथ ही रहने की जिद पर अड़ी रही। ससुराल पक्ष भी लड़की की जिद को देखते हुए हैरत में पड़ गया, लिहाजा मामले को सुलटाने के लिए एक पंचायत बुलाई गई।
पंचायत का निर्णय
यह कोई फिल्मी कथानक नहीं था, वास्तव में धरातल पर दिखाई दे रही रियल कहानी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों ने आम सहमति बनाने के लिए तीन गांवों के प्रधानों के नेतृत्व में पंचायत बुलाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण और दोनों पक्षों के लोग शामिल हुए। पंचायत में प्रस्ताव रखा गया कि प्रेमी यदि युवती को ले जाना चाहता है तो शादी में खर्च हुए करीब तीन लाख रुपए का नकद भुगतान करते हुए भरपाई करेगा और साथ ही लड़की पक्ष से जो भी सामान वर पक्ष को दिया गया था, वह भी प्रेमी को सौंपा जाएगा।
पंचों ने स्पष्ट रूप से फैसला सुनाते हुए कहा कि युवती अब अपने प्रेमी के साथ ही रहेगी और यह फैसला तत्काल लागू किया जाएगा। पंचायत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद प्रेमी को निर्देश दिया कि वह तीन लाख रुपए का हर्जाना दुल्हा पक्ष को दे ताकि विवाह में जो उनको आर्थिक नुकसान पहुंचा है उसकी भरपाई हो सके।
पंचायत फैसले पर प्रेमी पक्ष असहमत
हालांकि पंचायत के फैसले पर प्रेमी और उसके परिजनों ने असहमति जताई। उनका कहना था कि वे आर्थिक रूप से इस समय सक्षम नहीं हैं कि तत्काल तीन लाख की रकम वर पक्ष को दे सकें। प्रेमी पक्ष की बात सुनकर पंचायत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह पैसा दे दें अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें, निर्णय स्वीकार करना या अस्वीकार करना प्रेमी पक्ष पर निर्भर करता है। इस मामले में जब बात नहीं बनी, तो वर पक्ष ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की मांग की है। वहीं पुलिस तीनों पक्षों की जांच की बात कह रही है।
सामाजिक पहलू और कानूनी सवाल
इस मामले में वर पक्ष का कोई दोष दिखाई नहीं देता है, लड़की पक्ष को पहले से ही पता होगा कि बेटी किसी और से शादी करना चाहती है, लेकिन उन्होंने बेटी के प्रेमी को स्वीकार नहीं किया और उसकी शादी कहीं और तय कर दी। युवती भी दुल्हन बनकर दूल्हे के साथ ससुराल आ गई, लेकिन अपने प्यार को भुला नहीं पा रही थी और प्रेमी के साथ फरार हो गई। अब यह मामला सामाजिक और कानूनी दोनों दृष्टियों से चर्चा का विषय बना हुआ है।
जहां एक ओर पंचायत ने आपसी सहमति से विवाद सुलझाने की कोशिश की, वहीं दूसरी तरफ सवाल यह उठता है कि क्या ऐसी पंचायतें कानून के दायरे में न्याय कर सकती हैं? यह मामला ग्रामीण समाज में पंचायत व्यवस्था की भूमिका और सीमाओं को भी सामने लाता है। अब देखना यह होगा कि पुलिस जांच की दिशा क्या होगी? क्या कानूनी रूप से पंचायत का यह निर्णय टिक पाएगा या नहीं?
(सांकेतिक फोटो)
Edited By : Chetan Gour