रामनगरी में राम मंदिर निर्माण के बीच साधु-संतों की मांग है कि राम जन्मभूमि निर्माण व जनता दर्शन से पहले अयोध्या के प्राचीन मंदिर जो अयोध्या की पहचान हैं, उनका सौन्दर्यीकरण सरकार कराएं। संतों का कहना है कि यदि सरकार ऐसा करवाती है तो न सिर्फ पौराणिक मठ-मंदिरों एवं ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण होगा, बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों पर भी अच्छा असर होगा। अयोध्या के प्रति लोगों में आकर्षण और बढ़ेगा।
अयोध्या के स्वामी परमहंस दास ने सरकार से मांग करते हुए कहा हैं कि अयोध्या श्रीराम कि जन्मभूमि है। यहां पर जो भी ऐतिहासिक स्थल व मंदिर हैं उनका सौंदर्यीकरण उसके व्यवस्थापक कराएं। अगर वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो फिर सरकार कराए। उन्होंने कहा कि कई ऐसे मठ-मंदिर भी हैं, जिन पर भू-माफियाओं ने कब्जा जमा रखा है, उन्हें भी मुक्त कराकर उनका सौंदर्यीकरण कराया जाए।
महंत गिरीश दास ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार कहीं न कहीं सनातन धर्म के प्रति स्वयं ही जागरूक है। फिर भी मेरी मांग है कि अयोध्या के ऐसे स्थान जिनका अस्तित्व मिटता जा रहा हैं, उन्हें सौंदर्यीकरण कि सूची में जोड़ा जाए। खासकर वे स्थान जो श्रीराम कि लीलाओ के लिए जाने जाते हैं।
अयोध्या के ही स्वामी महेंद्रनाथ ने सरकार से मांग कि हैं कि अयोध्या के जो पुराने मंदिर हैं उन्हें पुरातत्व के अधीन किया जाए और उनका पुनर्निर्माण और पुनरोद्धार कराया जाए ताकि अयोध्या में आने वाले देश-विदेश के पर्यटक व दर्शनार्थी उसके ऐतिहासिक महत्व को जान सकें। दूसरी ओर, अयोध्या नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि उत्तर प्रदेश कि सरकार अयोध्या के पौराणिक व ऐतिहासिक मंदिरों को सजाने-संवारने व उनके सौंदर्यीकरण का कार्य कर रही है।