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यूपी में अतिक्रमण ने लीला महाभारतकालीन तालाब

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, गुरुवार, 16 जुलाई 2020 (15:53 IST)
इटावा। उत्तरप्रदेश में इटावा जिले के बकेवर में महाभारतकालीन सभ्यता से जुडा मघई तालाब देखरेख के अभाव में गुमनामी के अंधेरे में खो गया है।
 
केके पोस्ट ग्रेजुएट कालेज के इतिहास विभाग के प्रमुख डॉ. शैलेन्द्र शर्मा ने बताया कि तालाब की मान्यता महाभारतकाल से जुड़ी हुई है। महाभारतकाल में बकासुर नामक राक्षस यहां नौका बिहार करता था। राजा द्रुपद इस प्रदेश के सम्राट थे, पांडवों अज्ञातवास के दौरान जिले के द्वैत वन में थे जो यमुना और चम्बल नदियों के मध्य स्थित था। पांडवों ने एक वर्ष का गुप्तवास राजा विराट की राजधानी चक्रनगर (चकरनगर) में किया। भीम ने यहीं पर बकेवर के शक्तिशाली सामंत बक्रासुर (बकासुर) का वध किया था।
 
अब इसी तालाब की पुलिया के पास अवैध पक्का निर्माण हो चुका है, यही नहीं 12 एकड़ में फैले मघई तालाब के बड़े हिस्से में कई पक्की नींव भरकर अवैध कब्जा कर लिया गया। बरसात के समय नगर लखना समेत दो दर्जन ग्रामीण इलाकों का पानी इसमें आता है। अवैध कब्जे के कारण तालाब अपनी पहचान ही खोता जा रहा है। वही तालाब पटने से ग्राम नगला बनी समेत अन्य स्थानों पर जलभराव की समस्या पैदा हो गई।
 
यहां के लोग तालाब का पता देकर डाक मंगाया करते थे, क्षेत्र में तालाब के पानी का उपयोग लोग अनेक प्रकार से करते थे, अनेक लोगों को रोजी-रोटी नसीब होती थी, कस्बे का भू-गर्भ जल स्तर सामान्य रहता था, लेकिन अब यह तालाब अवैध कब्जे का शिकार होकर अपनी पहचान खो चुका है। लोग तालाब के किनारे स्थायी व अस्थायी कब्जे कर रहे हैं जबकि प्रशासन की ओर से इसको मुक्त कराने के कोई प्रयास नहीं किए गए।
 
स्थानीय कस्बे के प्रबुद्ध वर्ग ने उपजिलाधिकारी भरथना से तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने की मांग की है। नगर पंचायत बकेवर के मोहल्ला अंबेडकर नगर, हाफिज नगर, गांधी नगर, सुभाष नगर के किनारे महाभारतकालीन विशाल मघई तालाब पर तमाम दबंगों द्वारा रातों रात अवैध कब्जा करने का सिलसिला अभी थम नही रह है। तालाब की जगह में कई लोगों ने अवैध कब्जा कर मकान तक बना लिए। मकान निर्माण करने का सिलसिला अभी भी नहीं थमा है।
 
उच्च न्यायालय के द्वारा तालाबों से कब्जे हटाने के बाद नगर पंचायत बकेवर ने करीब 45 लोगों को तालाब की जगह पर अवैध कब्जा को लेकर नोटिस दिए थे, लेकिन उन नोटिसों को लेकर आगे प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की गई। महाभारतकालीन मघई तालाब नगर पंचायत की बहुमूल्य संपत्ति है। लगभग 62 बीघा में फैले इस तालाब में जल संचय होता है जिससे नगर के जलस्तर में कमी नहीं आ पाती।
 
उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश है कि तालाबों पर किसी प्रकार कब्जा न किया जाए लेकिन बकेवर में मघई तालाब व नगर पंचायत की भूमि पर भू-माफियाओं के सामने यह आदेश बौना साबित हो रहा है। इस तालाब में मछली पालन का ठेका नगर पंचायत उठाती थी, जिससे नगर पंचायत की आमदनी भी होती थी, मगर समय की मार से बेहाल इस तालाब की भूमि के रिकॉर्ड में पूर्व के कुछ राजस्व कर्मचारियों ने हेराफेरी करके इसे भू माफियाओं के हवाले कर दिया जो कि अब यह भू माफिया तालाब को पाट रहे हैं।
 
बकेवर के मघई तालाब पर लगातार हो रहे अवैध अतिक्रमण को हटाऐ जाने की मांग लोगों ने उपजिलाधिकारी भरथना से की है। बकेवर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि कस्बे की ऐतिहासिक धरोहर मघई तालाब की जल्द ही नाप- जोख कराने के बाद इसे अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा और तालाब पर अतिक्रमण करने बालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। (वार्ता) (सांकेतिक चित्र)

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