चित्रकूट। उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जेल में एक बार फिर से खूनी संघर्ष हो गया। जिसमें मुकीम काला 3 दुर्दांत अपराधियों का अंत हो गया। जेल के अंदर हुई कैदियों की गैंगवार में लगातार आधा घंटे फायरिंग हुई, जिसके चलते जेल में बंद कैदी सहम गए और वही जेल सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी भी फायरिंग करने वाले कैदियों तक पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।
वेस्ट यूपी में आतंक का पर्याय कुख्यात मुकीम काला चित्रकूट जेल के अंदर मार दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को गैंगस्टर मुकीम काला का जेल के अंदर एक बंदी अंशुल दीक्षित उर्फ अंशु से विवाद हो गया। जिसके चलते बंदी ने मुकीम काला को गोलियों से भून दिया। जेल में कई राउंड फायरिंग से हड़कंप मच गया, आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी जेल पहुंचे, लेकिन इस खूनी संघर्ष में मुकीम काला का साथी मेराजुद्दीन और अंशुल दीक्षित भी मारे जा चुके थे।
कुख्यात मुकीम काला मूल रूप से शामली के कैराना गांव का रहने वाला था और उसका आतंक मेरठ समेत कई जिलों में था। मुकीम पर वेस्ट यूपी के विभिन्न थानों में हत्या, अपहरण, डकैती और रंगदारी के मुकदमें दर्ज है। मुकीम अपने करमों की सजा जेल में काट रहा था, लेकिन उसको पहले से ही अपने एनकाउंटर का भय था, जिसके चलते वह कई साल से कचहरी में पेशी पर भी नहीं जा रहा था।
लेकिन आज चित्रकूट जेल में अंशुल उर्फ अंशु दीक्षित ने की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े गैंगस्टर मुकीम काला और उसके साथी मेराजुद्दीन की हत्या कर दी। इस डबल मर्डर के हत्यारे को पुलिस ने जेल के अंदर मुठभेड़ के बाद मार गिराया है। इस तरह चित्रकूट जेल के भीतर 3 बड़े अपराधी मारे गए।
गैंगस्टर मुकीम उर्फ काला की 6 साल पहले माली हालत बेहद कमजोर थी, वह मकान निर्माण में राजमिस्त्री के साथ मिलकर मजदूरी करता था। जल्दी ही अमीर बनने के सपने रखने वाले मुकीम ने राहजनी करकज अपराध की दुनिया में कदम रखा और देखते ही देखते उसने हथियार उठा लिए। कुछ समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंतक बरपाने वाले कग्गा गिरोह में शामिल हो गया।
मुकीम ने 5 जून 2013 में हरियाणा में दो पेट्रोल पंपों से डकैती करके भागते हुए सहानपुर जिले के हसनपुर रजवाहे पर सिपाही राहुल ढाका की दिन-दहाडे हत्या करके उसकी कारबाइन लूट ली थी। 15 फरवरी 2015 को तनिष्क ज्वैलरी शॉप में करोड़ों की डकैती डालने में शामिल था। जिसमें सहारनपुर पुलिस ने इस गैंग का खुलासा करते हुए उसके सभी शार्पशूटरों व उसकी पत्नी को जेल भेजा था।
गैंगस्टर मुकीम काला वही अपराधी है जिसने NIA के अफसर तंजील अहमद को दिन दहाड़े मौत के घाट उतार दिया था। कुछ समय पहले मुकीम को सहारनपुर जेल से चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था।
वही जेल में मारा गया उसका साथी शार्प शूटर मेराजुद्दीन मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा था और उसे बनारस जेल से चित्रकूट लाया गया था। जेल के अंदर मुकीम और अंशुल उर्फ अंशु के खूनी संघर्ष की सूचना मिलते ही चित्रकूट डीएम और पुलिस अधीक्षक फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।
फोर्स ने डबल मर्डर करने वाले अंशुल दीक्षित को सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उसने पुलिस की बात अनसुनी करते हुए फायरिंग जारी रखी। पुलिस की ललकार के बाद उसने पुलिस पर फायर खोल दिये, जिसके चलते पुलिस ने उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।