लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ में आज कुर्की के आदेश के बाद दिग्गज नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी व रामअचल राजभर एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर करने के साथ अंतरिम जमानत की अर्जी डाली थी, लेकिन कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर दोनों को जेल भेज दिया।
22 जुलाई 2016 को बीजेपी नेता दयाशंकरसिंह की मां तेतरी देवी ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि लखनऊ के हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर नसीमुद्दीन और रामअचल राजभर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ता एकत्र हुए थे।
इस दौरान मंच से सभी आरोपितों ने दयाशंकर सिंह की मां, बहन व बेटी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। वहां पर मौजूद लोगों का उनके परिवार के खिलाफ गुस्सा इतना बढ़ गया था कि हिंसक हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की जांच कर 12 जनवरी 2018 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
इसके बाद से ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी व रामअचल राजभर कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे थे। 18 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने बसपा के तत्कालीन महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे।
आज देर शाम नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर ने कोर्ट में सरेंडर करते हुए अंतरिम जमानत की अर्जी दी थी। इसे कोर्ट ने अस्वीकार करते हुए दोनों को जेल भेज दिया है।