लखनऊ। उत्तरप्रदेश में गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले की जांच कर रही राज्य की आतंकवाद निरोधक इकाई (ATS) ने इस मामले के मुख्य अभियुक्त अहमद मुर्तजा अब्बासी के बारे में शुरुआती जांच के आधार पर दावा किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) से हमदर्दी रखने वालों और इस संगठन के लड़ाकों के संपर्क में था।
गोरखनाथ स्थित गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले मुर्तजा के बारे में एटीएस की ओर से शनिवार को जारी बयान में उसके आईएसआईएस से संपर्क होने की बात जांच में मिले सबूतों के आधार पर कही गयी है।
एटीएस ने मुर्तजा से पूछताछ एवं अन्य जांच के आधार पर दावा किया है कि उसने आईएसआईएस की शपथ भी ली थी। मुर्तजा के विभिन्न बैंक खातों और ई-वाॅलेट से किये गये वित्तीय लेनदेन की पड़ताल में पता चला है कि वह आईएसआईएस के समर्थकों की आर्थिक सहायता भी कर रहा था।
उप्र एटीएस ने मुर्तजा से मिले कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डाटा विश्लेषण के आधार पर कहा कि उसके ईमेल और सोशल मीडिया अकांउट की पड़ताल से भी उसके आईएसआईएस के साथ संपर्कों की बात सामने आयी है। जांच में पता चला है कि मुर्तजा, 2014 में बेंगलुरु पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया आईएसआईएस कार्यकर्ता मेंहदी मसरूर बिश्वास के संपर्क में था।
इतना ही नहीं, वह आईएसआईएस सहित अन्य आतंकी संगठनों की विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले विचारों से प्रेरित भी था। एटीएस का दावा है कि मुर्तजा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले कार्यकर्ताओं के समक्ष 2013 में उस आतंकी संगठन अंसार उल तौहीद की शपथ ली थी, जिसका वर्ष 2014 में आईएसआईएस में विलय हो गया। इसके बाद अभियुक्त ने 2020 में आईएसआईएस की दोबारा शपथ ली।
एटीएस के बयान के मुताबिक मुर्तजा ने अपने बैंक खातों से लगभग साढ़े आठ लाख रुपये यूरोप तथा अमेरिका के अलग-अलग देशों में आईएसआईएस के समर्थकों के माध्यम से सहयोग देने के लिए भेजे। वह आतंकी घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से एके-47, कारबाइन, मिसाइल टेक्नोलॉजी आदि के संबंध में लगातार पढ़ रहा था। उसने एयर राइफल चलाने का अभ्यास किया था, जिससे वह वास्तविक हथियार मिलने पर चला सके।
एटीएस का दावा है कि मुर्तजा ने आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित होकर गत तीन अप्रैल को लोन वुल्फ हमले की तर्ज पर गोरक्षनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला कर उनकी राइफल छीनने का प्रयास किया था। उसकी मूल योजना सुरक्षाकर्मियों के हथियार छीन कर बड़ी घटना को अंजाम देना था।
गोरखनाथ मंदिर के महंत और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच एटीएस और एसटीएफ को संयुक्त रूप से सौंपी थी। मुर्तजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।