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उत्तर प्रदेश में एग्री टूरिज्म को मिले बढ़ावा : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल आनंदीबेन ने कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति सम्मेलन को संबोधित किया

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हमें फॉलो करें Governor Anandiben addressed the Vice Chancellors Conference of Agricultural Universities

संदीप श्रीवास्तव

अयोध्या , शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025 (00:53 IST)
Agricultural Universities Vice Chancellors Conference : अयोध्या एक जनपद ही नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों की श्रद्धा का स्थल है। शहरों में रहने वाले ऐसे पर्यटक जो ग्रामीण जीवन के बारे में नहीं जानते वे गांव की परंपराओं संस्कृति और रीति-रिवाज में भाग लेकर ग्रामीण जीवन के बारे में जान सकते हैं। महाराष्ट्र कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने वाला पहला राज्य है जहां सतारा, पुणे, नागपुर और नासिक में कई सफल एग्री टूरिज्म केंद्र विकसित किए गए हैं। यह बातें प्रदेश की राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के प्रेक्षागृह में कही। 

उत्तर प्रदेश में कृषि का एक मजबूत आधार है और यहां एग्री टूरिज्म को बढ़ावा देकर पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान किया जा सकता है। विश्वविद्यालय शोध प्रशिक्षण, जागरूकता नीति निर्माण और तकनीकी सहायता प्रदान कर किसानों को सशक्त बना सकते हैं। कृषि विश्वविद्यालयों को एग्रो टूरिज्म केंद्र के रूप में विकसित कर सकते हैं जहां छात्र किसान और आम जनता ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और वेबसाइटों के माध्यम से किसानों को उनके एग्रो टूरिज्म व्यवसाय के प्रचार-प्रसार में मदद कर सकते हैं।

भारत में जीडीपी को बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान माताओं और किसानों का है। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्रों को ईमानदारी से कार्य कर अपने संकल्पों को पूरा करना चाहिए। अयोध्या का आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि पहली बार में ही नैक में A++  हासिल किया जो सराहना के योग्य है।

यह बातें प्रदेश की राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के प्रेक्षागृह में कही। वह 'भारत में कृषि पर्यटन के माध्यम से कृषि शिक्षा एवं ग्रामीण विकास' विषय पर भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों के 48वें कुलपति सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थीं।

राज्यपाल ने कहा कि भारत के सभी कृषि विश्वविद्यालय भारत में कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर कार्य करें। कहा कि आचार्य कृषि एवं प्रौद्योगिक परियोजना की मदद से कृषि पर्यटन केंद्र स्थापित कर रहा है। ग्रामीण युवाओं को कृषि आधारित पर्यटन में कौशल प्रदान करने और आय के अवसरों को बढ़ाने के लिए कृषि पर्यटन पर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की भी जमकर सराहना की।
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उन्होंने कहा कि कृषि बजट अच्छे विश्वविद्यालयों को मिलना चाहिए जो कार्य करें। जो काम नहीं करें उन विश्वविद्यालयों में बजट का पैसा छात्र-छात्राओं को दे देना चाहिए जिससे वे शोध एवं शिक्षा के कार्यों को कर सकें। विदेशों के साथ एमओयू करने की जरूरत है और उनके यहां हो रहे कार्यों को समझने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि लोग छुट्टियां मनाने विदेशों में जाते हैं लेकिन उन्हें अपने देश के पर्यटन स्थलों पर ही जाना चाहिए जिससे व्यवस्थाओं में और सुधार किया जा सके। छात्र-छात्राओं में जो भी प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएं उनमें चार से पांच विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को शामिल करना चाहिए जिससे कि उनकी सही प्रतिभा की पहचान हो सके।

आईएयूए के उपाध्यक्ष व केयू. गांधीनगर के कुलपति डॉ. एनएच केलावाला ने सम्मेलन के बारे में सभी को अवगत कराया तो वहीं दूसरी तरफ आईएयूए के अध्यक्ष व भरसार के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने भारतीय कृषि विवि संघ नई दिल्ली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर एग्री टूरिज्म पर सोमनियर, प्राकृतिक खेती, नवाचार सहित अन्य पुस्तकों का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।

इससे पूर्व सभी अतिथियों ने आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं जल भरो के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं ने विवि कुलगीत प्रस्तुत कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। कुलपति ने राज्यपाल व समस्त अतिथियों को पौधा व मोमेंटो भेंटकर सम्मानित किया। जीपीबी विभागाध्यक्ष डॉ. संजीत कुमार के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

48वां कुलपति सम्मेलन इस बार आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि व भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। स्वागत संबोधन आचार्य नरेंद्र देव कृषि विवि के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह एवं कुलसचिव डॉ. पीएस प्रमाणिक ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुप्रिया ने किया।

एग्री टूरिज्म को बढ़ावा देने में कृषि विश्वविद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण : सूर्य प्रतापशाही
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि भारत दर्शन कर रहा हूं जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक एवं पौराणिक धरोहरों से भरी हुई है। उन्होंने कहा कि एग्री टूरिज्म में अपार संभावनाएं हैं और विश्वविद्यालय उसके महत्वपूर्ण केंद्र हैं। आचार्य नरेंद्र देव एग्री टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ऩए-नए पाठ्यक्रमों व डिप्लोमा कोर्सों की शुरुआत करने जा रहा है जो सराहना के योग्य है।

इससे एग्री टूरिज्म को विकसित करने में गति मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से आचार्य नरेंद्र देव विवि लोगों को सक्षम बना रहा है। मंत्री शाही ने कहा जनसंख्या के मामले में भारत सबसे बड़ा देश है जो कृषि के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह देश विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की राह पर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि अनूकूल प्रजातियों, उत्तम तकनीकों को विकसित कर किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है जिससे कि किसान सशक्त हो सकें और उनकी आय को दोगुणा किया जा सके। कृषि विश्वविद्यालय को पहली बार में ही ऩैक में A++ की सफलता पर उन्होंने विवि के कार्यों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि नैक में उच्च ग्रेड का श्रेय राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को मिलना चाहिए जिन्होंने कुल आठ बार राजभवन में बैठक कर सभी प्वांइटों पर कमियों को परखा।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक डॉ. आरसी अग्रवाल ने कहा कि आईसीएआर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कृषि शिक्षा में क्रांति लाने पर कार्य कर रहा है। एग्री टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई कोर्स चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समुदाय से जुड़ाव के लिए एग्री टूरिज्म बहुत अच्छा माध्यम है। आज का समय शहर से गांव की तरफ जाने का है और इसके लिए एक मॉडल तैयार कर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

राज्य स्तर पर चयनित छात्र-छात्राओं को राज्यपाल ने किया सम्मानित
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्य स्तर पर भाषण प्रतियोगिता में चयनित छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। भारत में डिजिटल कृषि विषय में चेष्ठा प्रथम, संदीप सिंह द्वीतीय व दिव्यांश को तीसरा स्थान हासिल करने पर सम्मानित किया। भारत में कृषि पर्यटन में शुभांकर श्रीवास्तव प्रथम, गीताक्षी और विजय लक्ष्मी द्वीतीय व अरुण आर्या को तीसरा स्थान पाने पर सम्मानित किया गया।

यूपी की वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका विषय में सौरभ शुक्ला प्रथम, नंदिनी कुमारी द्वीतीय व आय़ुष कुमार और अंबिका सिंह को तीसरा स्थान हासिल करने पर सम्मानित किया गया। भारत के लिए अत्यधिक कृषि नवाचार विषय में पुष्पित जोशी प्रथम, जिया जैन द्वीतीय व नव्या सिंह को तीसरा स्थान हासिल करने पर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में अयोध्या, मेरठ, मथुरा व कानपुर से छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था।

19 कृषि विश्वविद्यालयों के बीच हुआ एमओयू
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या का बांदा कृषि विवि, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि सहित सात कृषि विश्वविद्यालयों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में इस मौके पर विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के बीच कुल 19 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

सम्मेलन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। पुरस्कार पाने वालों में कृषि विज्ञान केंद्र हैदरगढ़ बाराबंकी को प्रथम स्थान के लिए डॉ. अश्वनी कुमार सिंह, दो केंद्रों को दूसरा स्थान मिला जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र नगीना बिजनौर के लिए डॉ. केके सिंह व कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर के लिए डॉ. आरके सिंह को सम्मानित किया गया। तीसरा स्थान कृषि विज्ञान केंद्र कन्नौज के लिए डॉ. वीके कन्नौजिया को सम्मानित किया गया। वहीं दूसरी तरफ विशेष तौर पर बक्शा जौनपुर प्रथम को राज्यपाल ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

राज्यपाल ने इन 5 लोगों को दिया बेस्ट पीएचडी थीसिस का अवॉर्ड
डॉ. परमानंद साहू, आईएआरआई नई दिल्ली, डॉ. पवनीत कौर, पीएयू लुधियाना, डॉ. प्रबदीप सिंह, जम्मू, डॉ. बसवा प्रभु, एनडीआरआई, करनाल, डॉ. सुबल कुमार घोष, सीआईएफई, मुंबई

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