गाजियाबाद। पुलिस समाज में फैले अपराध को खत्म करने और अपराधियों को समाज की मुख्य धारा में फिर से जोड़ने के लिए सदैव तैयार रहती है। उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात एक हैड कांस्टेबल के बेटे से ऐसा कर दिखाया की परिवार के होश उड़ गए।
मामला गाजियाबाद जिले का है, यहां पीएसी की 41 बटालियन में तैनात हेड कांस्टेबल के बेटे ने एक लाख रूपये पाने के लिए अपने अपहरण की अकेले झूठी कहानी लिख डाली। कहते है कि पुलिस के हाथ लंबे होते है, जिसके चलते अपहरण का ड्रामा ज्यादा समय नही चल पाया। पुलिस ने हेड कांस्टेबल के बेटे को लखनऊ से बरामद करते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
यूपी में इस समय पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा चल रही है, गाजियाबाद जिले के कौशांबी थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल के बेटा भी भर्ती परीक्षा देने के लिए बिजनौर जिले में आया था, यहां परीक्षा देने के बाद अपहरण की झूठी पटकथा लिखते हुए खुद के हाथ-पैर कुर्सी से बांध लिए और फोटो खींचकर फैमिली को भेज दी। अपहरण की फिरौती के लिए 1 लाख देने की बात परिवार के सामने व्हाट्सएप कॉल से परिवार के सामने रखी। बेटे की सलामती के लिए हेड कांस्टेबल का परिवार कुछ भी कीमत चुकाने के लिए तैयार था।
कौशांबी थाना क्षेत्र स्थित PAC की 41 वीं बटालियन में तैनात हेड कांस्टेबल का बेटा रोहित रविवार को यूपी पुलिस कांस्टेबल लिखित परीक्षा देने के लिए बिजनौर आया थख, परीक्षा देकर देर शाम तक वह घर नही लौटा, परिवार परेशान हो गया। वही रविवार संध्या के समय रोहित की बहन के व्हाट्सएप पर एक फोटो आया। उस फोटो में रोहित के हाथ-पैर बंधे हुए थे। मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। जिसे देखकर परिवार परेशान हो गया।
इसके बाद रोहित के बहन पर एक वॉट्सएप कॉल की और बताया कि उसका अपहरण हो गया है। बदमाश छोड़ने के लिए 1 के एक लाख रुपए मांग रहे हैं। परेशान बहन भाई रोहित का मनोबल बढ़ाने के लिए वॉट्सएप पर चैटिंग करती रही। परिवार की शिकायत पर पुलिस ने अपना जाल बिछाया। पुलिस ने जब रोहित के मोबाइल की लोकेशन निकाली तो पाया कि उसकी लोकेशन पता चला कि ये फोटो गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके से भेजा गया है।
रोहित का शातिर दिमाग बार-बार मोबाइल की लोकेशन बदलता रहा।। वह पहले बदायूं, शाहजहांपुर और फिर लखनऊ घूमता रहा। मिली। रोहित की सकुशल बरामदगी. के लिए पुलिस टीम लखनऊ के लिए रवाना हो गई रोहित को सकुशल बरामद कर लिया।
पुलिस गिरफ्त में आने के बाद पूछताछ में आरोपी रोहित ने अपना जुर्म कुबूला है। पुलिस को उसने बताया कि 23 अगस्त को सन क्रिप्टो एप्लिकेशन पर बिटकॉइन खरीदने के लिए 24 हजार रुपए इन्वेस्ट किए थे। क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के लिए उसे 60 हजार रुपए और चाहिए थे। जिसके चलते उसके मन में पाप आ गया और उसने खुद के अपहरण की झूठी कहानी बनाते हुए परिवार से 1 लाख की फैमिली रकम का स्वांग रच दिया।
Edited by: Ravindra Gupta