उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही भू माफियाओं के खिलाफ योगी का हंटर और बुलडोजर एक बार फिर से गर्जना शुरू हो गया है। फरार चल रहे मेरठ के मोस्टवांटेड कुख्यात माफिया बदन सिंह बद्दो की कमर तोड़ने के लिए पुलिस ने कुछ समय पहले इसके एक आलीशान बंगले को ध्वस्त किया था, वहीं अब अवैध तरीके से एकत्रित उसके करीबियों की सम्पत्ति पर पुलिस कार्रवाई शुरू हो गई है।
बद्दो ने अपराध की काली कमाई से अवैध सम्पत्ति अर्जित की है। पुलिस उसकी इन सम्पत्तियों को खंगालते हुए उसके सहयोगियों तक पहुंच गई है। बद्दो ने अपने साथियों के साथ मिलकर जगन्नाथ पुरी के एक पार्क पर कब्जा करते हुए दुकानें बना दी। इन दुकानों को बनाकर करोड़ो रुपए में बेच दिया गया। पुलिस को इस अवैध सम्पत्ति की सूचना कुछ माह पहले ही मिली और उसने कार्रवाई शुरू कर दी।
एमडीए ने इस निर्माण को अवैध घोषित किया, जिसके चलते आज इस अवैध निर्माण को ढहाने के पुलिस की मौजूदगी में एमडीए का बुलडोजर चला है। पुलिस बल के साथ एमडीए की टीम ने मिलकर पार्क को अवैध निर्माण से कब्जा मुक्त करा दिया।
बदन सिंह यूपी का मोस्ट वांटेड अपराधी है। मेरठ के रहने वाले इस हिस्ट्रीशीटर पर 40 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें हत्या, रंगदारी और अपहरण से जुड़े हैं।
बदन सिंह बद्दो 28 मार्च 2019 को पुलिस को चकमा देकर एक होटल से फरार हुआ था। पेशी पर आए बद्दो ने एक होटल में पुलिस वालों को कोल्ड्रिंक में नशे की गोलियां मिलाकर पिलाईं और फरार हो गया। फरार बद्दो ढाई लाख का इनामी भी है। विदेश भागने की आशंका जताते हुए उस पर लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया। इस मोस्ट वांटेड की 7 नवंबर 2020 में पुलिस द्वारा बद्दो की कोठी की कुर्की की गई थी, जिसमें डेढ़ करोड़ मूल्य का सामान जब्त हुआ था।
बद्दो की भाभी कुलदीप कौर ने कमिश्नर कोर्ट में एमडीए के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील की थी, लेकिन वो अपने मालिकाना हक के सुबूत दिखाने में नाकाम रही है। जिसके चलते दो दिन की कड़ी मेहनत से 5 करोड़ मूल्य के आसपास की अवैध कोठी को गिरा दिया गया है।
इसी दौरान मेरठ पुलिस को जांच में पता चला कि बदन सिंह ने ट्रांसपोर्ट नगर के पास ही जगन्नाथपुरी में पार्क की जमीन पर साथियों के साथ मिलकर कब्जा किया था। इसी करोड़ों की कीमत वाली जमीन पर बाद में दुकानें बनाकर बेच दी गई थीं। इन्हीं दुकानों को लेकर मेरठ पुलिस की ओर से एमडीए को एक पत्र भेजा गया था और जांच शुरू हुई थी।
जांच के दौरान दुकानें अवैध पाई गईं। इसी दौरान उन लोगों के नाम भी सामने आए, जो बदन सिंह के साथ काम करते थे। इन दुकानों पर मालिकान हक रेनू गुप्ता का पाया गया है, जो भाजपा के पार्षद की पत्नी है। एमडीए ने इन दुकानों को ध्वस्त करने से पहले एक नोटिस भी जारी किया था। जवाब नहीं मिलने के कारण आज इन दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया।