प्रयागराज। उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर कुछ इस कदर बढ़ गया है कि गंगा का पानी संगम स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर में जरूर प्रवेश कर गया। गंगा की बाढ़ का पानी हनुमान मंदिर में दाखिल होते ही वहां के महंतों-पुजारियों और श्रद्धालुओं ने शंख और घंटे बजाकर गंगा मैया का स्वागत किया है। वहीं गंगा का उनके पांव पखारना एक शुभ संकेत माना जाता है। इससे भक्त उत्साहित हैं।
गंगा का पानी मंदिर के पास तक पहुंचने के बाद से ही भक्तों का यहां जमावड़ा लग गया है। गंगा का पानी मंदिर में प्रवेश करते देख यहां 'बजरंग बली की जय' और 'गंगा मैया की जय-जयकार' सुनाई देने लगी।
गंगा का पानी मंदिर में प्रवेश करने के बाद हनुमानजी की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया है। कपाट तभी खोले जाएंगे, जब गंगा का पानी वापस लौट जाएगा।
हर साल बारिश में जब गंगा का पानी बढ़कर मंदिर तक आता है तो लोगों की निगाहें इस पानी के भीतर जाते देखने को उत्सुक रहती हैं। कई बार मंदिर के दरवाजे तक पहुंचकर भी गंगा का जल पीछे लौट जाता है। इस बार ऐसा नहीं हुआ है।
प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी अभी भी जारी है। जलस्तर में बढ़ोतरी से प्रयागराज के निचले इलाकों में पानी धीरे-धीरे घुसने लगा है। हालांकि अभी दोनों नदियां खतरे के निशान से करीब 4 मीटर नीचे ही हैं, लेकिन नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है।