अयोध्या। जगतगुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल में जाने से रोका गया। इसके बाद परमहंस आचार्य ने अयोध्या में जताई नाराजगी। जगतगुरु परमहंस आचार्य कल आगरा में ताजमहल का दीदार करने पहुंचे थे। तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने आरोप लगाया कि भगवा वस्त्र और धर्मदंड के कारण उन्हें ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूद धर्म विशेष के लोगों के इशारे पर ताजमहल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों ने बदसलूकी की। अनुयायी का मोबाइल छीन कर फोटो और वीडियो डिलीट करने का भी आरोप लगाया। जगतगुरु परमहंस आचार्य ने दावा किया कि पुरातत्व विभाग के चीफ आरके पटेल ने घटना के लिए माफी मांगी। उन्होंने ताजमहल आने का निमंत्रण दिया।
पुरातत्व विभाग के चीफ ने दावा किया कि अगर धर्म दंड लोहे का नहीं है तो ताजमहल में जा सकते था। उच्चाधिकारियों से मंत्रणा कर ताजमहल का भगवा और धर्म दंड समेत दीदार कराएंगे। जगतगुरु परमहंस आचार्य ने अपने अनुयायियों से अपील की कि 5 मई को सुबह 11 बजे ताजमहल के गेट पर पहुंचे।
जगतगुरु ताजमहल के दीदार को अपने अनुयायियों के साथ जाएंगे। जगतगुरु परमहंस आचार्य ने चेतावनी दी कि यदि इस बार रोका गया तो ताजमहल के गेट पर आमरण अनशन करेंगे। हिन्दू महासभा के चक्रपाणी महाराज ने परमहंस के साथ हुई अभद्रता पर विरोध जताते हुए कहा कि तेजोमहल जो आगरा मे स्थित हैं जो शिव मंदिर हुआ करता था। इसे ताजमहल के नाम से लोग जानते हैं।
दुर्भाग्य की बात है कि अयोध्या तपस्वी छवनी के महंत जगतगुरु परमहंस जो कि ताजमहल जा रहे थे उन्हें इसलिए रोक दिया गया कि वे भगवा वस्त्र पहने थे और दंड लिए थे। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई की मांग की।