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यूपी सरकार की बड़ी उपलब्धि, राजस्व अधिशेष के मामले में टॉप पर

कैग रिपोर्ट में खुलासा, 37 हजार 263 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष के साथ यूपी सूची में सबसे आगे

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 22 सितम्बर 2025 (18:18 IST)
Major achievement of UP government: वित्त वर्ष 2022-23 में 16 राज्यों ने राजस्व अधिशेष (revenue surplus) दर्ज किया जिसमें उत्तर प्रदेश 37,263 करोड़ रुपए के साथ सबसे आगे रहा जबकि गुजरात एवं ओडिशा उसके पीछे रहे। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित राजकोषीय दायित्व एवं वित्तीय समेकन मार्ग के तहत राज्यों को या तो शून्य राजस्व घाटे की स्थिति में होना था या फिर राजस्व अधिशेष में होना था।
 
राज्यों की वित्तीय स्थिति पर जारी कैग की पहली रिपोर्ट कहती है कि मार्च, 2023 तक कुल 28 में से 16 राज्य राजस्व अधिशेष में थे जबकि 12 राज्य राजस्व घाटे की स्थिति में थे। उत्तर प्रदेश 37,263 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष के साथ इस सूची में सबसे आगे रहा। इसके बाद गुजरात का राजस्व अधिशेष 19,865 करोड़ रुपए, ओडिशा का 19,456 करोड़ रुपए, झारखंड का 13,564 करोड़ रुपए, कर्नाटक का 13,496 करोड़ रुपए, छत्तीसगढ़ का 8,592 करोड़ रुपए, तेलंगाना का 5,944 करोड़ रुपए, उत्तराखंड का 5,310 करोड़ रुपए, मध्य प्रदेश का 4,091 करोड़ रुपए और गोवा का 2,399 करोड़ रुपए रहा।
 
12 राज्यों का राजस्व घाटा : वहीं, राजस्व घाटे वाले 12 राज्यों का संयुक्त राजस्व घाटा 2,22,648 करोड़ रुपए था। वित्त आयोग ने इन राज्यों के घाटे की भरपाई के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में 86,201 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था जो कुल राजस्व घाटे का 39 प्रतिशत था। राजस्व घाटे की स्थिति में रहने वाले राज्य आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल थे।
 
रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार, केरल, मेघालय और महाराष्ट्र में राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय का 90-100 प्रतिशत थीं। असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में यह अनुपात 80-90 प्रतिशत, जबकि आंध्र प्रदेश और पंजाब में 75-80 प्रतिशत था।
 
वित्त वर्ष 2022-23 में वित्त आयोग की कुल अनुदान राशि 1,72,849 करोड़ रुपए रही, जिसमें राजस्व घाटा अनुदान का हिस्सा सबसे बड़ा (लगभग 50 प्रतिशत) रहा। इसके बाद 26 प्रतिशत पंचायत राज संस्थान अनुदान, 11 प्रतिशत शहरी स्थानीय निकाय अनुदान, 10 प्रतिशत राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष और एक प्रतिशत राज्य आपदा निवारण कोष शामिल थे।
 
रिपोर्ट में 28 राज्यों की वित्तीय स्थिति का विस्तृत अवलोकन पेश किया गया है। साथ ही 2013-14 से लेकर 10-वर्ष की अवधि के वित्तीय आंकड़ों और विश्लेषण को भी इसमें शामिल किया गया है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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