Meerut News : मेरठ में दिन निकलते ही एक कारोबारी के घर में 2 नकाबपोश बदमाशों ने लूटपाट करते हुए दम्पति पर गोलियां चला दी। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग व्यपारी के घर पहुंचे और खून से लथपथ पति-पत्नी को अस्पताल लाया गया, जहां डीके जैन की मौत हो जबकि पत्नी मौत से संघर्ष कर रही है। घटना की जानकारी मिलते ही आलाधिकारी और फारेंसिक टीम मौके पर पहुंची और आसपास के सीसीटीवी को खंगालते हुए जांच में जुटी हुई है।
थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र के गौरीपुरा चौकी से कुछ दूरी पर स्पोर्ट्स के डंबल बनाने वाले कारोबारी डीके जैन अपने परिवार के साथ रहते है। वृहस्पतिवार की सुबह 8 बजे के करीब डीके जैन और उनकी पत्नी मंजू अपने कमरे में सो रहे थे, उनका एक बेटा घर से बाहर वॉक के लिए गया हुआ था और उसकी पत्नी घर में मौजूद थी।
मिली जानकारी के मुताबिक मृतक का एक बेटा विदेश में रहता है और वह भी घटना के समय घर पर मौजूद था। मेरठ एस एस पी के मुताबिक घटना को रेकी करके अंजाम दिया गया है, घर में मौजूद पुत्रवधू और पुत्र को कमरे में बंद करके डीके जैन के कमरे में लूटपाट की गई है और व जैन दम्पति लूटपाट करने वालों को पहचानते थे इसलिए उनको गोली मार दी गई। जिसमें डीके जैन की मौत हो गई और उनकी पत्नी केएमसी अस्पताल में भर्ती है, जहां उनका उपचार चल रहा है।
दिन-दहाड़े भीड़भाड़ वाले इलाके में इस तरह की घटना होने के बाद लोग हतप्रभ है। व्यापारी की मौत के बाद घर में मातम छाया हुआ है, बड़ी संख्या में व्यापारी के घर और अस्पताल में लोगों का तांता लगा हुआ है। पुलिस और फारेंसिक टीम घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित कर रही है, हालांकि डीके जैन के घर के आसपास सीसीटीवी लगे हुए है, पुलिस को पूरी उम्मीद है कि सीसीटीवी से कोई ना कोई सुराग बदमाशों का मिल जायेगा।
बीजेपी नेता और व्यापारी कमलदत्त का कहना है कि घटना को अंजाम देने वाले यह अच्छी तरह जानते थे कि घर से कौन कितनी देर के लिए बाहर जाता है और कब वापस आता है। नकाबपोश बदमाशों ने गन दिखाते हुए कहा था कि उनके और साथी बाहर खड़े है। फिलहाल डीके जैन की मौत हो गई उनकी पत्नी जीवन और मौत से संघर्ष कर रही है। पुलिस अपनी जांच में जुटी है।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि नकाबपोश दोनों बदमाशों ने डीके जैन के कमरे में ही क्यों लूटपाट की? जबकि उनका एक बेटा-बहू साथ में रहते है, उनके कमरे को क्यों नही खंगाला? पुलिस का कहना है कि अभी परिवार इस स्थिति में भी नही है कि वह नुकसान का आंकलन कर सके।
Edited by : Nrapendra Gupta