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कावड़ यात्रा पर यूपी में क्यों मचा बवाल, विपक्ष क्यों है नाराज?

हमें फॉलो करें कावड़ यात्रा पर यूपी में क्यों मचा बवाल, विपक्ष क्यों है नाराज?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 19 जुलाई 2024 (12:37 IST)
name plate on shops at kanwar yatra marg : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा कावड़ यात्रा मार्ग पर खानपान की दुकानों पर नेम प्लेट संबंधी आदेश पर बवाल मचा हुआ है। विपक्ष ने आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। ALSO READ: उत्तरप्रदेश की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी दुकानों पर नाम-पता लिखना हो अनिवार्य, भाजपा नेता की मुख्यमंत्री से मांग
 
यूपी CMO द्वारा जारी बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कावड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। पूरे उत्तर प्रदेश में कावड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगानी होगी। कावड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
 
आदेश पर सपा, बसपा, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने नाराजगी जताते हुए इसे असंवैधानिक बताया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कांवड़ यात्रा के मार्ग में पड़ने वाली सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर नाराजगी जताई और आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की। ALSO READ: योगी सरकार का बड़ा फैसला, कावड़ यात्रा मार्ग पर खाने की दुकानों पर लगेगी नेमप्लेट
 
बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि यूपी व उत्तराखंड सरकार द्वारा कावड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक है। धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकाट करने का प्रयास अति-निन्दनीय है।
 
सपा प्रमुख अखिलेश पहले ही इस आदेश पर नाराजगी जता चुके हैं। उनका कहना है कि जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।

इस बीच भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि एक सीमित प्रशासनिक दिशानिर्देश के कारण इस तरह का असमंजस हुआ था, मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने जो भी सांप्रदायिक भ्रम पैदा हुआ था उसे दूर किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के विषयों पर किसी को सांप्रदायिक भ्रम फैलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यह किसी मुल्क, मजहब, मानवता के लिए अच्छा नहीं है। आस्था का सम्मान और आस्था की सुरक्षा पर सांप्रदायिक सियासत नहीं होनी चाहिए।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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