नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोनावायरस के संकट से निपटने के लिए कई कदम सुझाए और यह भी कहा कि राज्य में कोविड-19 की स्थिति गंभीर है, ऐसे में प्रचार से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकेगी बल्कि प्रभावी कदम उठाने होंगे।
पत्र में प्रियंका ने कहा कि उत्तरप्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 2,500 मामले आए और लगभग सभी महानगरों में कोरोना मामलों की बाढ़-सी आई है। अब तो गांव-देहात भी इससे अछूते नहीं हैं। साफ प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने 'नो टेस्ट=नो कोरोना' को मंत्र मानकर कम संख्या में जांच की नीति अपना रखी है और अब एकदम से कोरोना मामलों के विस्फोट की स्थिति है। जब तक पारदर्शी तरीके से जांच की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी, तब तक लड़ाई अधूरी रहेगी व स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
प्रियंका ने दावा किया कि क्वारंटाइन केंद्रों और अस्पतालों की स्थिति बड़ी दयनीय है। कई जगह की स्थिति इतनी खराब है कि लोग कोरोना से नहीं, बल्कि सरकार की व्यवस्था से डर रहे हैं। इसी कारण लोग जांच के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। ये सरकार की बड़ी विफलता है। कोरोना का डर दिखाकर पूरे तंत्र में भ्रष्टाचार भी पनप रहा है। जिस पर अगर समय रहते लगाम न कसी गई तो कोरोना की लड़ाई विपदा में बदल जाएगी।
कांग्रेस की उत्तरप्रदेश प्रभारी ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपकी सरकार ने दावा किया था कि 1.5 लाख बेड की व्यवस्था है लेकिन लगभग 20,000 सक्रिय संक्रमित मामले आने पर ही बेडों को लेकर मारामारी मच गई है। उन्होंने सवाल किया कि अगर अस्पतालों के सामने भयंकर भीड़ है तो मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि यूपी सरकार मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर अस्थायी अस्पताल क्यों नहीं बनवा रही है?
प्रधानमंत्री वाराणसी के सांसद हैं और रक्षामंत्री लखनऊ के, अन्य कई केंद्रीय मंत्री उप्र से हैं। आखिर वाराणसी, लखनऊ, आगरा आदि में अस्थायी अस्पताल क्यों नहीं खोले जा सकते? उनके मुताबिक डीआरडीओ, सेना और अर्द्धसैनिक बलों द्वारा अस्थायी अस्पतालों का संचालन किया जा सकता है या आवश्यकता हो तो डीआरडीओ के अस्पताल को लखनऊ लाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन एक अच्छा कदम है, परंतु इसे भी आनन-फानन में आधा-अधूरा लागू नहीं किया जाए। सवाल यह है कि मरीजों की निगरानी की क्या व्यवस्था होगी? हालत बिगड़ने पर किसे सूचना देनी होगी? होम आइसोलेशन में चिकित्सीय सुविधाओं का खर्च क्या होगा? मरीजों के तापमान और ऑक्सीजन स्तर की जांच करने की व्यवस्था क्या होगी? सरकार को संपूर्ण जानकारी देनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि स्थितियां गंभीर होती जा रही हैं और मैं आपसे आग्रह करती हूं कि सिर्फ प्रचार और खबरों को मैनेज करके ये लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है।
प्रियंका ने कहा कि मुझे आशा है कि आप जल्द बड़े और प्रभावी कदम उठाएंगे जिससे कि उप्र की जनता को यह भरोसा हो सके कि सरकार उनके जीवन की रक्षा के लिए तत्पर है और उन्हें भगवान भरोसे नहीं छोड़ दिया जाएगा। मुझे इस बात का अहसास है कि अक्सर आपकी सरकार को लगता है कि हमारे सुझाव सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से दिए जाते हैं। पैदल चल रहे यूपी के मजदूरों के लिए हमारी तरफ से बसें चलवाने के प्रयास के दौरान आपकी सरकार की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट प्रतीत हुआ था।
उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर से आपको विश्वास दिलाना चाहती हूं कि उप्र की जनता के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा इस समय हमारी सबसे बड़ी भावना है। हम सकारात्मक सहयोग और सेवा भावना से ओतप्रोत होकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। (भाषा)