अयोध्या में फिल्मी सितारों से सजी रामलीला, साधु संतों ने किया था विरोध
विश्व की सबसे बड़ी रामलीला, दूरदर्शन व आकाशवाणी पऱ सीधा प्रसारण, 42 से अधिक कलाकार कर रहे है अभिनय
Ayodhyas Ramlila: नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से अयोध्या धाम के राम कथा पार्क में फिल्मी सितारों से सजी रामलीला का भव्य शुभारंभ हुआ। भगवान शिव के रूप में फिल्म स्टार बिंदु दारासिंह ने अपने अभिनय से राम भक्तों का मन मोह लिया और नारद मुनि की भूमिका में फिल्म स्टार अवतार गिल ने मंत्रमुग्ध कर दिया। पार्वती के रूप में बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री सोनम तिवारी ने अभिनय किया। इस बार रामलीला का सातवां साल है। रामलीला में 42 से अधिक कलाकार अभिनय कर रहे हैं।
विश्व की सबसे बड़ी रामलीला : अयोध्या की यह रामलीला विश्व की सबसे बड़ी रामलीला है। गत वर्ष विश्व भर से 45 करोड़ से ज्यादा राम भक्तों ने इसे अपने घरों में बैठकर देखा था। अयोध्या की रामलीला के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष मलिक और महासचिव शुभम मलिक ने बताया कि रामलीला प्रतिदिन शाम 7 से 10 बजे तक दिखाई जा रही है। उन्होंने राम भक्तों से अपील की कि वे अपने घरों में बैठकर रामलीला जरूर देखें और उन्हें आशीर्वाद दें।
रामलीला में प्रमुख भूमिकाएं : महाभारत में दुर्योधन की भूमिका निभाने वाले पुनीत इस्सर रामलीला में परशुराम का किरदार निभा रहे हैं। भाजपा सांसद मनोज तिवारी बाली की भूमिका में नजर आएंगे। गोरखपुर के भाजपा सांसद रवि किशन केवट की भूमिका में दिखाई दिए। राजेश पुरी हनुमान जी की भूमिका में हैं। लगातार तीसरी बार मनीष शर्मा रावण की भूमिका मेंनजर आएंगे। राहुल गुच्चर राम तथा मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 मणिका विश्वकर्मा सीता की भूमिका में नजर आ रही हैं। इनके अलावा रजा मुराद, राकेश वेदी और भोजपुरी गायिका मालिनी अवस्थी (शबरी) के रूप में नजर आएंगी। अयोध्या की रामलीला विश्व की सबसे बड़ी रामलीला है। रामलीला का सीधा प्रसारण दूरदर्शन और अयोध्या की रामलीला के यूट्यूब चैनल पर किया जा रहा है।
साधु संतों ने किया था विरोध : अयोध्या में विगत छह वर्षों से हो रही फिल्मी सितारों की रामलीला का अयोध्या के साधु-संतों ने विरोध किया था। इस वर्ष भी भूमि पूजन के उपरांत ही संतों ने विरोध शुरू कर दिया था। संतों का कहना था कि फिल्मी सितारों की रामलीला में मंचन कर रहे कलाकारों का मर्यादा के विपरीत होता है। वे मांस-मदिरा का सेवन करते हैं, जो कि सनातन धर्म के अपमान से कम नहीं है।