मथुरा। उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में पुलिस ने रविवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर कथित तौर पर ' स्वच्छ भारत मिशन' में करीब 15 लाख रुपए के घोटाले का खुलासा किया। इस मामले में पुलिस को 3 और आरोपियों की तलाश है। पुलिस के मुताबिक बैंक कर्मचारियों ने दलालों के जरिए शौचालय बनाने के लिए दिए गए पैसे अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करा दिए।
उल्लेखनीय है कि 10 दिन पहले बलदेव खंड विकास अधिकारी ने बलदेव थाने में मड़ौरा गांव के प्रधान और सचिव द्वारा बैंक से फर्जी तरीके से 12 लाख रुपए निकालने की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
पुलिस अधीक्षक (शहर) अशोक कुमार मीणा ने बताया कि पुलिस ने अवैरनी स्थित यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक जितेंद्र कुमार, लेखाकार नवीन गोयल, लिपिक कपिल वर्मा, फील्ड ऑफिसर मनीष कुमार, मुख्य आरोपी विजयपाल सिंह और ज्ञानेंद्र उर्फ कुक्की को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि इन लोगों से 2.50 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। यह पैसे बलदेव विकासखंड के गांव बंदी, मड़ौरा और गढ़सौली में 'स्वच्छ भारत मिशन' के तहत शौचालय निर्माण के लिए लाभार्थियों को 12-12 हजार रुपए देने के बजाय कथित तौर पर दलालों के जरिए हड़प लिए गए थे।
मीणा ने बताया कि गिरोह के सरगना मुनेश, ज्ञानेंद्र और विजयपाल खंड स्तर पर सूची तैयार करके उस पर ग्राम सचिव और प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर करते थे। फिर 12-12 हजार रुपए शौचालय निर्माण के लिए बैंककर्मियों की मिलीभगत से अपने रिश्तेदारों और परिचितों के खाते में हस्तांतरित करवा लेते थे।
एसपी सिटी ने बताया कि रुपयों के लालच में बैंककर्मियों ने ऐसे सचिवों के हस्ताक्षर से सूची पास कर दी, जो कभी ग्राम पंचायत में तैनात ही नहीं थे जबकि बैंक के पास इन सभी सचिवों के खंड विकास अधिकारी द्वारा प्रमाणित हस्ताक्षर भी नहीं थे। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुनेश, पूर्व बैंक प्रबंधक अजित जौहरी, पूर्व फील्ड ऑफिसर रवीन्द्र फरार हैं। इनकी तलाश की जा रही है।