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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने गोहत्या पर जताई चिंता, औरंगजेब विवाद पर क्या बोले

जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि श्री कृष्ण से आंख मिलानी है तो गोमाता की रक्षा करो, आने वाले समय में गोभक्तों की होगी सरकार

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हिमा अग्रवाल

, रविवार, 9 मार्च 2025 (08:04 IST)
मेरठ में कथा कर रहें जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तस्वीर से मन की बात करते हुए गोहत्या पर चिंता व्यक्त की। शंकराचार्य का वीडियो सामने आते ही मीडिया ने उनसे बात कि तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो गोमाता की रक्षा नहीं करेगा, वह सत्ता में नहीं रह पायेगा। उन्होंने कहा कि मुद्दों को भटकाने के लिए औरंगजेब और तुगलक और निजामुद्दीन की बातें की जाती है।
 
शंकराचार्य ने बातचीत में कहा कि गोमाता की रक्षा के लिए वह मर भी सकते हैं और मार भी सकते हैं। उन्होंने देश के हिन्दुओं और साधु-संत को ललकारते हुए कहा कि वह गोमाता को सिर्फ पशु मान ले तो हम भी शांत हो जायेंगे, उनसे पूछेंगे कि जब तुम्हारे माता-पिता तुम्हारे बाप दादा गाय को मां कह गए तो तुम कैसे किस आधार पर उसको मां नहीं मानोगे? यदि तुम उसको पूजेंगे तो राष्ट्र माता का दर्जा मिलना ही चाहिए।
 
ज्योतिष पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि गाय को गो माता के दर्जा अब तक मिल जाना चाहिए था, लेकिन मिला नही। उन्होंने कहा कि 78 साल बाद भी सरकारें गाय को गो माता के दर्जा नहीं दिला पाईं। गाय पर राजनीति होती है, उसका कटान हो रहा है, सरकार इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती, मुद्दों को भटकाने के लिए औरंगजेब और तुगलक और निजामुद्दीन की बातें की जाती है।
 
महाकुंभ के दौरान शंकराचार्य ने देश में गोहत्या रोकने के लिए सरकार को चेताया था और मांग की थी कि गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जायें। यदि सरकार समय रहते कदम नही उठायेगी तो 17 मार्च 2025 में वह इस मुद्दे पर कठोर प्रण शाम 5 बजे लेंगे। सरकार को 33 दिन का समय कुंभ मेले के दौरान दिया गया है, जिसमें से अब 9 दिन शेष रह गए है।
 
शंकराचार्य यही नही रूके उन्होंने कहा कि इतिहास में दर्ज बातें पढ़ने की होती है, हम पढ़ लें, भला अब इन बातों का वर्तमान से कोई सरोकार नही है तो चर्चा क्यों?  लेकिन बिडम्बना है कि आज सनातन का बात नही हो रही बल्कि मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए तुगलक, औंरगजेब, नसीरुद्दीन की बात होती है। क्या हम सब यही देखते रहेंगे, कभी अपना घर भी देखने की कोशिश करेंगे। आज नदियों और मंदिरों की दुर्दशा हो रही है, उनको व्यापारिक केन्द्र बनाकर दोहन हो रहा है। गाय के टुकड़े-टुकड़े करके कटान किया जा रहा है, सब इस पर आंख मूंद कर मौन बैठे हुए है।
 
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी पिछले नौ दिनों से मेरठ में एक मठ से जुड़े महादेव मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के बाद कथा वाचन कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर निर्माण को लेकर सरकार की नीतियों पर कटाक्ष किया है।
 
शंकराचार्य ने कहा है कि श्रीकृष्णजन्मभूमि में मंदिर का निर्माण एक दिन में हो जाएगा, बशर्ते देश में गोहत्या बंद हो। भगवान कृष्ण इस धरती पर गौ सेवा के लिए आए थे। इसलिए अगर कृष्ण से आंख मिलनी है तो गौमाता की हत्या बंद करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ हत्या पर चुप रह जाने वालों को श्री कृष्ण जन्मभूमि क्यों मिलेगी।
 
शंकराचार्य ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में जनता चुनकर अपने प्रतिनिधि भेजती है उनको गोमाता के प्रति जनता की आवाज रखनी चाहिए। यदि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में गोहत्या बंद करवाने के लिए सर्वे करें तो हकीकत सामने आ जायेगी। सर्वे मे गोमाता को मानने वाले और जो नही है सभी शामिल होने चाहिए। यदि सांसद संसद में खड़े होकर कहें कि वह कोई ज्यादा नही मांग रहे है बस क्षेत्र गो हत्या बंद करवा दो, कानून बना दो, इस बात को कहने में 10 सेकंड से ज्यादा का समय नही लगेगा।

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