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पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर फेंका जूता, आरोपी गिरफ्तार

काली स्याही भी फेंकी और 'जय श्रीराम' के नारे लगाए

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 4 मई 2024 (00:32 IST)
Shoe thrown at Swami Prasad Maurya: राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर शुक्रवार को आगरा में एक रैली के दौरान एक व्यक्ति ने जूता (Shoe) फेंका। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि मौर्य फतेहपुर सीकरी से पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान एक व्यक्ति ने उन पर जूता फेंका। उसकी पहचान धर्मेंद्र धाकरे के रूप में हुई है।

 
उन्होंने बताया कि आरोपी ने जैसे ही घटना को अंजाम दिया, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे फौरन पकड़ लिया। उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अखिल भारत हिन्दू महासभा (एबीएचएम) के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि धाकरे उनके संगठन से जुड़ा है।
 
मौर्य ने फरवरी में समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी : मौर्य ने फरवरी में समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन किया। महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने कहा कि हमारे एक सदस्य ने मौर्य पर जूता फेंका। मौर्य ने पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरित मानस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करके हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया है।

 
काली स्याही फेंकी और 'जय श्रीराम' के नारे लगाए : जाट ने कहा कि हमने खून से पत्र भी लिखे हैं और हिन्दू संतों और रामचरितमानस का अपमान करने के लिए उन्हें पागलखाने में भर्ती कराने की अपील की है। महासभा के सदस्यों ने मौर्य के काफिले पर स्याही भी फेंकी और फतेहाबाद से गुजरते समय काले झंडे दिखाए। सदस्यों ने काफिले पर काली स्याही फेंकी और 'जय श्रीराम' के नारे लगाए।
 
काले झंडे दिखाए और कार पर भी स्याही फेंकी : जाट ने कहा कि हम आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर फतेहाबाद टोल से मौर्य के काफिले का पीछा कर रहे थे। कुछ सदस्यों ने फतेहाबाद में विरोध प्रदर्शन किया और जब मौर्य गुजर रहे थे तो काले झंडे दिखाए। इसके अलावा उन्होंने उनकी कार पर भी स्याही फेंकी।
 
स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में सपा नेतृत्व पर भेदभाव करने और उनके बयानों का बचाव नहीं करने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी। वे 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे और फाजिलनगर से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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