लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी है। हड़ताल के चलते स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। राजधानी लखनऊ समेत राज्य के अन्य जिलों में में एम्बुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन जारी है। कुछ स्थानों पर कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन समाप्त भी कर दिया है।
राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना (ट्रामा-टू) के पास 4 दिन से एम्बुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन चल रहा है। हालांकि देर रात बारिश के बीच पुलिस एवं अन्य अधिकारियों ने धरना स्थल पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच नोक-झोंक भी हुई। प्रशासन ने लखनऊ में कर्मियों से एम्बुलेंस की चाबियां छीन लीं। वहीं, कुछ जनपदों में रात को ही धरना समाप्त करने की खबरें हैं।
रायबरेली से प्राप्त जानकारी के अनुसार एंबुलेंस का चक्का जाम होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। जिला महिला और पुरुष अस्पताल के बाहर खड़ी निजी एंबुलेंस मुश्किल वक्त में लोगों के काम आईं। हालांकि मजबूरी में उन्हें किराया ज्यादा चुकाना पड़ा। कुछ लोग निजी वाहनों से अपने मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंचे। कुछ लोग अपने मरीजों को बाइक से लेकर पहुंचे।
क्या हैं मांगें : एंबुलेंस चालक चाहते हैं कि ठेका व्यवस्था बंद होनी चाहिए। एंबुलेंस कर्मचारियों की नौकरी सुनिश्चित हो। समस्त 108 व 102 के कर्मचारियों को नेशनल हेल्थ मिशन से संबद्ध किया जाए। इसके साथ ही समान कार्य समान वेतन लागू हो, एएलएस कर्मचारियों की नौकरी सुनिश्चित की जाए। कोरोना काल में शहीद हुए एंबुलेंसकर्मियों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और सभी का बीमा कराया जाए।