Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कावड़ यात्रा 2025: यूपी सरकार ने कमर कसी, शिवभक्तों की कावड़ के साथ छेड़छाड़ पड़ेगी महंगी

Advertiesment
हमें फॉलो करें Kavad Yatra
webdunia

हिमा अग्रवाल

मेरठ , मंगलवार, 8 जुलाई 2025 (21:16 IST)
Kavad Yatra 2025: सावन (Sawan) महीने में शुरू होने वाली कावड़ यात्रा (Kavad Yatra) को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार पूरी तरह सतर्क और सक्रिय हो गई है। कावड़ यात्रा में 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने संभावना के चलते आज मंगलवार को मेरठ कमिश्नरी में यूपी डीजीपी (UP DGP) और प्रमुख सचिव ने 5 राज्य दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के अधिकारियों की बैठक ली। शिवभक्तों के सैलाब और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी राजीव कृष्ण ने कावड़ यात्रा की तैयारियों को परखते हुए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में समस्त विभागों के अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए।ALSO READ: श्रावण के साथ ही शुरू होगी कावड़ यात्रा, जानें क्या करें और क्या न करें
 
यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस बार पिछले साल की तुलना में अधिक कावड़ियों के आने की संभावना है। पिछले वर्ष करीब 4 करोड़ कावड़ यात्री आए थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या और अधिक होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कावड़ मार्ग पर प्रत्येक किलोमीटर पर 1 दरोगा और 6 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो।
 
साफ-सफाई और भोजन की व्यवस्था : प्रशासन ने शिविरों, ढाबों और होटलों में स्वच्छता और शुद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। फूड सेफ्टी विभाग की जिम्मेदारी तय की गई है कि सभी स्थानों पर शुद्ध शाकाहारी भोजन ही परोसा जाए। क्यूआर कोड के जरिये होटल और ढाबे की सम्पूर्ण जानकारी हासिल की जा सकती है, वहीं खाद्य विभाग ने ग्राहक संतुष्टि प्रपत्र भी होटलों और ढाबे पर चस्पा करवाए हैं। सभी होटल, ढाबा संचालकों और शिविर आयोजकों को साफ-सफाई व भोजन की गुणवत्ता पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
 
डीजे और कावड़ की ऊंचाई पर नियंत्रण : डीजीपी राजीव कृष्ण ने मीडिया को बताया कि मानक के अनुरूप ही कावड़ शिवभक्त ले जा सकते हैं। कोई भी कावड़ 10 फीट से ऊंची और 12 फीट से चौड़ी नहीं होनी चाहिए। डीजे की ध्वनि सीमा 75 डेसिबल से अधिक नहीं होगी। रूड़की से मुजफ्फरनगर के बीच में डीजे और कावड़ असेंबल होते हैं इसलिए वहां विशेष सतर्कता बरती जाएगी। यदि कोई समूह तय मानकों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।ALSO READ: Kanwar Yatra 2025 : कावड़ यात्रा में जा रहे हैं तो जान लीजिए 10 प्रमुख नियम
 
बिजली और नहर व्यवस्था : कावड़ यात्रा में संपूर्ण मार्ग पर तारों को कसने का बिजली विभाग को निर्देश दिया गया है, खंभे झुके हुए न हो, बिजली के तार नीचे लटकते न हों और ट्रांसफॉर्मर्स पूरी तरह से कवर रहें। सिंचाई विभाग को नहरों में संतुलित मात्रा में पानी छोड़ने को कहा गया है। कावड़ मार्ग की 700 किलोमीटर की लंबाई में से केवल 25 किलोमीटर का कार्य शेष है, जो आगामी 2-3 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। गंगनहर पर एनडीआरएफ गोताखोरों और नाव की व्यवस्था रहेंगी। यदि किसी कांवड़िये के साथ नहाते हुए कोई हादसा हो तो उसे बचाया जा सके।
 
डिजिटल निगरानी और समन्वय : उत्तरप्रदेश और विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के बीच समन्वय के लिए एक व्हॉट्सएप ग्रुप बनाया गया है जिसके माध्यम से भीड़ नियंत्रण और आवश्यक सूचनाएं तत्काल साझा की जाएंगी। इसके अतिरिक्त रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कावड़िए ट्रेन की छत पर सफर न करें।
 
धार्मिक भावना का सम्मान और कड़ी निगरानी : मुख्य सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि धार्मिक भावना को आहत करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई किसी की कावड़ के साथ छेड़छाड़ करते हुए उसे खंडित करता है तो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी ने यह भी कहा कि डाक कावड़ पर तेज ध्वनि में संगीत बजाकर प्रतियोगिता होती है और कावड़ एक धार्मिक यात्रा है न कि कोई प्रतियोगिता।

ज्यादातर डाक कावड़िये हरियाणा से बड़े डीजे लेकर आते हैं और प्रतियोगिता करते हैं, जो कभी-कभी परेशानी का सबब बन जाती है, इसलिए हरियाणा, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों से भी संपर्क कर समन्वय बनाया गया है। कावड़ यात्रा के दौरान भीड़ नियंत्रण, श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और भक्ति की भावना का पूरा ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि कावड़ यात्रा शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हो।
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

UP की शिक्षा मंत्री गुलाब देवी सड़क हादसे घायल, हादसे का CCTV आया सामने, मेडिकल कॉलेज में चल रहा इलाज