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कानपुर हृदय रोग संस्थान में आग, प्रमुख सचिव चिकित्सा बोले- जांच के बाद दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई

हमें फॉलो करें कानपुर हृदय रोग संस्थान में आग, प्रमुख सचिव चिकित्सा बोले- जांच के बाद दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई

अवनीश कुमार

, रविवार, 28 मार्च 2021 (21:06 IST)
कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर के हृदय रोग संस्थान में लगी आग की जांच करने के लिए देर शाम को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार कानपुर पहुंचे और उन्होंने अस्पताल प्रशासन के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की। पूरे हादसे की जानकारी इकट्ठा करते हुए मरीजों के भी हाल-चाल जाना। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अस्पताल प्रशासन व फायर विभाग की तत्परता के चलते किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। जांच में जो कमियां पाई गई हैं, उनमें सुधार करवाया जाएगा और जो भी दोषी हैं उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
 
मरीजों को सुरक्षित किया गया शिफ्ट :  प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने कहा कि आग लगने के ठीक 15 मिनट के बाद से ही मरीजों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। जो मरीज ज्यादा गंभीर नहीं थे उन्हें न्यू ओपीडी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया था और जो गंभीर थे उन्हें तत्काल प्रभाव से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो डिपार्टमेंट में शिफ्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन व फायर विभाग की तत्परता के चलते हमने कोई भी जिंदगी खोई नहीं है और सभी सुरक्षित हैं। 
 
स्मोक व फायर अलार्म सिस्टम ने नहीं किया काम :  उन्होंने कहा कि कहां पर कमियां है, इसकी जांच की जा रही है। इलेक्ट्रिकल सेफ्टी के डिप्टी डायरेक्टर एलपी गुप्ता जांच कर रहे हैं। अभी तक की जांच में जो बात सामने निकलकर आई है, उसके अनुसार स्मोक व फायर अलार्म सिस्टम ने काम नहीं किया और जब डॉक्टर राहुल ने धुआं को देखा तब जानकारी हुई।

अगर हमारा फायर अलार्म सिस्टम एक्टिवेट होता तो शायद हम पहले से ही बचाव कार्य कर सकते थे। दूसरा हाईड्रेन्ट सिस्टम हमारा जो है,उसके टैंक में कुछ प्रॉब्लम है। जिसके चलते वह भी काम नहीं कर रहा था। इस हादसे में फायर नहीं था लेकिन स्मोक ज्यादा था। लेकिन फायर अलार्म सिस्टम क्यों नहीं चला दूसरा हाईड्रेन्ट सिस्टम हमारा जो है उसके टैंक में कुछ प्रॉब्लम थी जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने लिखा भी था। उसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई यह देखने की बात है इसमें जो लोग भी जिम्मेदार हैं। इसकी जांच की जा रही है और जो भी कार्रवाई बनती होगी वह कार्रवाई की जाएगी।
 
40 बेड के अस्पताल को बनाया गया 150 बेड का अस्पताल :  उन्होंने कहा कि अगर हम देखें तो यह एक पुरानी बिल्डिंग है। जिसे रीमॉडल करके दोबारा से तैयार किया गया था। आपको बता दें कि 40 बेड का अस्पताल था यह लेकिन इसे भी रीमॉडल करके 150 बेड का बनाया गया है। उन्होंने कहा आपने देखा होगा जब पुरानी बिल्डिंग को एयर कंडीशन किया गया तो मोटे-मोटे ग्लास से बिल्डिंग को सील कर दिया गया। जिससे की धुआं बाहर निकल नहीं पा रहा था और आगे बढ़ रहा था। जिसे तोड़ने में भी फायर विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है भविष्य में ऐसी दिक्कत ना हो इसके लिए रीमॉडलिंग की जरूरत है जो करवाया जाएगा और ज्यादातर जगहों पर ग्लास को स्लाइडिंग का रूप दिया जाएगा ताकि उन्हें खोला जा सके। उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है जो भी कमियां पाई जाएंगी उन्हें दूर किया जाएगा।
 
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के कानपुर में थाना स्वरूपनगर के अंतर्गत पड़ने वाले हृदय रोग संस्थान में रविवार को अचानक प्रथम तल पर बने आईसीयू के जनरल वार्ड में आग लग गई थी। वार्ड में मौजूद मरीज व उनके परिजनों को जैसे ही आग की जानकारी लगी अस्पताल के अंदर हड़कंप मच गया और सभी परिजन अपने अपने मरीज को सुरक्षित करने के लिए बाहर निकालने का प्रयास करने लगे थे।

प्रथम तल पर लगी आग की जानकारी होते ही हृदय रोग संस्थान के कर्मचारियों ने आनन-फानन में पुलिस को सूचना देते हुए आग बुझाने का प्रयास करते हुए मरीजों को बाहर निकालने का प्रयास करने लगे थे। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस व दमकल के कर्मचारियों ने तेजी दिखाते हुए आग बुझाने का प्रयास करते हुए खिड़कियां तोड़कर सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला लिया था।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश दिए थे जिसके चलते देर शाम प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार कानपुर पहुंचे थे और उन्होंने अस्पताल प्रशासन के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर हादसे की जानकारी ली है।

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