लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अभी से ही 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों में उठापटक का दौर जारी है, तो वहीं सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार, केंद्र व प्रदेश में सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के अंदर बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में जुट गई है।
संगठन को तो छोड़िए भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार में कुछ मंत्रियों पर भी तलवार लटक रही है और हो ना हो 2019 के चुनाव के पहले कुछ मंत्रियों की छुट्टी होना तय है। हर मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरे 2019 के पहले देखने को मिल जाएंगे, उसके पीछे की मुख्य वजह पिछड़ों और दलितों को 2019 में पार्टी से जोड़ने के प्रयास के तहत किया जाएगा।
जिसके चलते जिन मंत्रियों की छुट्टी होगी उनकी जगह पिछड़े और दलित विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका दिया जाएगा। सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि मंत्रिमंडल में पिछड़ों और दलितों की भागीदारी बढ़ाए जाने को लेकर विचार विमर्श चल रहा है।
72 सीटें जीतकर लाने के निर्देश : इसके पीछे की मुख्य वजह को लेकर सूत्र बताते हैं कि पार्टी संगठन को हर तरीके से मजबूत करना और मंत्रिमंडल में फेरबदल करके लोकसभा के चुनाव में लगभग 72 सीटों को जीतकर लाना यह कड़े निर्देश पार्टी के शीर्ष नेता दे चुके हैं, जिसको लेकर उत्तर प्रदेश में आजकल पार्टी के शीर्ष नेताओं का आना-जाना तेजी से शुरू हो गया है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्री बीजेपी के शीर्ष नेताओं की नापसंद लिस्ट में शामिल हो चुके हैं और कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी नापसंद लिस्ट में वह सब शामिल हैं, लेकिन अब सिर्फ बीजेपी के शीर्ष नेताओं के निर्देश का इंतजार प्रदेश के मुखिया व पार्टी संगठन को है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की बात कहते हुए बताया कि हमारी सरकार का उद्देश्य प्रदेश का विकास करना है और प्रदेश के विकास कार्यों में जो लोग खरे नहीं उतर पाए हैं, चाहे वह कोई मंत्री हों या फिर कार्यकर्ता उनका बाहर होना तय है, लेकिन कब तक ऐसा होगा, यह तो पार्टी के शीर्ष नेताओं को तय करना है और केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार ने जितना विकास कार्य करवाया है, इतना किसी भी सरकार में नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में आप 72 सीट की बात कर रहे हैं 1 व 2 सीटों को छोड़कर समस्त सीटें उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जीत रही है।