डॉक्टर लोगों को जिंदगी देता है, जिसके चलते उसे भगवान का रूप भी माना जाता है। लेकिन, उत्तर प्रदेश के रायबरेली से रोंगटे खड़े करने वाली खबर सामने आई है। यहां रेलवे के एक डॉक्टर ने अपनी पत्नी, दो बच्चों समेत खुद को मौत के हवाले कर दिया। जैसे ही खबर सामने आई तो लोग यह जानकर हतप्रभ रह गए कि जीवन रक्षक भक्षक कैसे बन गया। पुलिस जांच में पता चला है कि लालगंज कस्बे में मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री में कार्यरत डॉक्टर अरुण कुमार सिंह डिप्रेशन से ग्रस्त थे, जिसके चलते उन्होंने परिवार को मौत देकर खुद को भी फांसी लगा ली।
डॉक्टर अरुण कुमार मूलरूप से मिर्जापुर जिले के फरदहा (थाना अहरौरा) के रहने वाले थे। 2017 बैच के डॉ. अरुण कुमार सिंह आरेडिका के आवासीय परिसर में क्वार्टर में परिवार के साथ रहते थे। उनका क्वार्टर 3 दिन से बंद था और किसी तरह की हलचल नजर घर में नजर नहीं आ रही थी।
बीते मंगलवार शाम को उनकी इमरजेंसी ड्यूटी थी, लेकिन वह नही पहुंचे, रेलवे अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें फोन किया, लेकिन वह रिसीव नही हुआ। कर्मचारी असिस्टेंट डिवीजन मेडिकल ऑफिसर (आई स्पेशलिस्ट) अरुण के क्वार्टर पर पहुंचे, दरवाजा खटखटाते हुए आवाज लगाई, मगर कोई रिस्पॉन्स नही मिला। रेलवे के लोगों ने खिड़की से झांक के अंदर देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बेड के ऊपर अरुण की 40 वर्षीय पत्नी अर्चना, 13 साल की बेटी अरीबा और 5 साल का बेटा आरव मृत पड़ा था, वहीं डॉक्टर का शव फांसी के फंदे पर झूल रहा था। रेलवे की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस के मुताबिक चिकित्सक अरुण कुमार डिप्रेशन का शिकार थे, जिसके चलते उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाते हुए परिवार को भी खत्म कर दिया। प्रथम दृष्टया अरुण ने पत्नी और बच्चों को नशे के इंजेक्शन दिए और उसके बाद उनके सिर पर वार करके मौत की आगोश में सुला दिया, पत्नी और दो बच्चों को मारने के बाद भी डॉक्टर के सिर भूत सवार था, जिसके चलते उसने अपनी नस काटने का प्रयास किया, लेकिन सफल न होने पर कुर्सी के ऊपर चढ़कर फांसी लगा ली।
आसपास के लोगों का कहना है कि चिकित्सक अरुण और उनकी पत्नी अर्चना बेहद मिलनसार थे। पल भर में हंसता-खेलता एक परिवार उजड़ गया। वहीं लोगों का कहना है कि डॉक्टर ने सिर पर प्रहार करके पत्नी और बच्चों को क्यों मारा? वह कोई जानलेवा दवाई देकर भी उन्हें मार सकते थे, परिवार उजाड़ने के बाद खुद भी जान दे दी, कहीं इसके और कोई विवाद तो नही है?