Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

चुनाव से पहले भाजपा सरकार के मंत्री के ऑडियो-वीडियो ने बढ़ाई BJP की मुसीबत, अबकी बार 60 पार का नारा खोखला हुआ साबित

Advertiesment
हमें फॉलो करें Uttarakhand Assembly Elections 2022

एन. पांडेय

, शनिवार, 12 फ़रवरी 2022 (19:09 IST)
देहरादून। उत्तराखंड में आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री और पौड़ी गढ़वाल जिले के मूल निवासी योगी आदित्यनाथ भी वोट मांगने आज उत्तराखंड के अपने जिले में थे।प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह भी पूरा जोर लगाते दिखे, लेकिन चुनाव प्रचार कर शुक्रवार को राज्य से विदा हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के एक वीडियो ने सारे प्रयासों को धता बता दिया। इस वीडियो के बाद अबकी बार भाजपा साठ पार का दावा कर रही भाजपा को सांप सूंघ गया है। उसको जवाब देना भारी पड़ गया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी के हार मान लेने का बड़ा दावा किया है।उन्होंने कहा, मैं आज आपके लिए ऑडियो और वीडियो लेकर आया हूं, जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र के एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उत्तराखंड में बीजेपी की हार स्वीकार कर ली है। इसके अलावा वल्लभ ने और भी ऑडियो-वीडियो मीडिया के सामने रखकर भाजपा सरकार के मंत्रियों पर भी गंभीर आरोप लगाए।

कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया पर कई हैंडलों से यह वीडियो शेयर किया गया, जिसमें शिवराज सिंह चौहान यह कहते हुए दिखते हैं, उत्तराखंड में तो बीजेपी गई। वल्लभ ने इस वीडियो को साझा करते हुए बताया कि इस वीडियो को जब शूट किया जा रहा था, तब शिवराज ने कहा भी कि ‘मोबाइल बंद करो’। इस वीडियो के बाद वल्लभ ने कहा, उत्तराखंड की जनता का मूड बीजेपी समझ चुकी है और खुद ही उसने अपनी पोल खोल दी है। अब मीडिया को एग्जिट पोल करने की कोई जरूरत ही नहीं है, क्योंकि बीजेपी के स्टार प्रचारक ने बीजेपी की स्थिति बता दी है।
webdunia

पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने भी शिवराज के इस वीडियो को ट्वीट किया है। उनके अलावा कांग्रेस समर्थक भी इसे सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं।पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि उत्तराखंड से प्रचार करके लौटे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताई उत्तराखंड के भाजपा की हकीकत, बोले उत्तराखंड से भाजपा तो गई।

वायरल वीडियो में शिवराज एक शख्स से बात करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान वह शख्स शिवराज सिंह से उत्तराखंड में भाजपा की स्थिति के बारे में सवाल करता है। जिसके जवाब में शिवराज कहते हैं, मुझे तो लगता है यूपी में कोई संदेह नहीं है। उत्तराखंड में भी बीजेपी है, लेकिन थोड़ा मुकाबला है।इस वीडियो की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकती है।

ठीक चुनाव से पूर्व भाजपा सरकार के मंत्री के ऑडियो ने भी भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है। इस ऑडियो में भाजपा के बुजुर्ग मंत्री जो पूर्व अध्यक्ष भी रहे एक महिला से काफी अंतरंग बातें कर रहे हैं।ऑडियो में लड़की मंत्री से अपनी नौकरी के बाबद बात कर रही है।इस भाजपा नेता ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री डॉ. इंदिरा ह्दयेश पर भी अनर्गल टिप्पणी कर पार्टी को बैकफुट पर ला दिया था। बाद में उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी।
webdunia

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उत्तराखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व मौजूदा मंत्री के अश्लील ऑडियो पर उत्तराखंड कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी ने कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड भाजपा सारी हदों को पार कर चुकी है। दसौनी ने कहा की चाल, चेहरे और चरित्र की बात करने वाली भाजपा की असली हकीकत सामने है।

भाजपा की हालत इन चुनावों में उसके द्वारा उठाए जा रहे ऐसे मुद्दों से भी पता लगती है जिसका मात्र उद्देश्य धार्मिक और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना है।मसलन बजाय विकास और पांच साल के कार्यकाल में किए कामों का हिसाब देने के भाजपा मुस्लिम यूनिवर्सिटी को मुद्दा बनाती रही, जबकि कांग्रेस लाख सफाई देती रही कि न तो उसके किसी नेता ने ऐसा कहा, न ही उसका कोई ऐसा इरादा कभी रहा।

तमाम वीडियोज को तोड़-मरोड़कर भाजपा का आईटी सेल गलतफहमियां फैलाता रहा। चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता हरीश रावत की फोटो से छेड़छाड़कर वायरल करने के मामले में भाजपा से जवाब भी तलब किया, लेकिन भाजपा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी।

अब प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कह रहे हैं कि बीजेपी सरकार में आते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित कर ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी। जिससे सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों।

लेकिन अब तक न तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी चली, न ही जुमे की नमाज का अल्पावकाश और न ही लव जिहाद और लैंड जिहाद। मुख्यमंत्री के द्वारा की गई तमाम घोषणाओं के भी जमीन पर न उतर पाने से उनका भी असर कम ही दिख रहा है। इतना जरुर है कि यहां की सभाओं में भीड़ खूब आ रही है, लेकिन सवाल है कि क्या यह भीड़ वोटों में ट्रांसफर होगी?

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Punjab Election : 'डेरा सच्चा सौदा' के वोटों पर टिकी सियासी दलों की निगाहें