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उत्तराखंड : पार्टी के दावों की सचाई, कांग्रेस की सूची में 6 प्रतिशत तो भाजपा में 10 फीसदी महिलाओं को टिकट

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एन. पांडेय

, रविवार, 23 जनवरी 2022 (20:29 IST)
देहरादून।कांग्रेस की पहली सूची में मात्र 3 महिलाओं को टिकट देने से कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' नारे की उत्तराखंड में हवा निकलती दिखाई दे रही है। प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में आधी आबादी को मात्र 6 फीसदी भागीदारी का अवसर मिलने से महिलाओं की आशाओं पर तुषारापात हुआ है।

यही हालात कमोबेश भाजपा के भी हैं। हालांकि भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट के 59 नामों में 6 महिलाएं हैं। ऐसे में अभी तक भाजपा 10 फीसदी महिलाओं को तब भी टिकट देकर कांग्रेस से कुछ तो आगे है ही। उत्तराखंड में महिलाओं को प्रत्याशी बनाए जाने के मामले में दोनों ही दलों ने कंजूसी की है, जबकि चुनाव में महिलाओं से जुड़े तमाम मुद्दों पर जोरशोर से बात की जा रही है।

2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में 75,92,996 में से महिला मतदाताओं की संख्या 36,02,801 है। वहीं 2017 के चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या 47 फीसदी थी। पिछले चुनाव में उत्तराखंड की 70 सीटों में से मात्र 41 पर ही महिलाएं चुनाव मैदान में उतरीं। कुल 62 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, जिनमें से रायपुर सीट पर सबसे अधिक मात्र चार महिलाएं उम्मीदवार थीं।

भाजपा ने पांच, कांग्रेस ने आठ, बसपा ने तीन, सपा ने पांच सीटों पर महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था। अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में 30 महिलाओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। चुनाव में पांच महिलाओं ने विजय हासिल की, जिनमें भाजपा की तीन, कांग्रेस की दो प्रत्याशी शामिल हैं।

उत्तराखंड में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, महिलाओं की आबादी 49.48 लाख है, जबकि पुरुषों की संख्या 52.38 लाख है। वहीं राज्य की 71 फीसदी महिला आबादी गांवों में निवास करती है। राज्य की 65 फीसदी आबादी की जीविका कृषि है। राज्य में 64 फीसदी महिलाएं अपने खेतों में कृषि करती हैं, वहीं 8.84 फीसदी महिलाएं दूसरों के खेतों में परिश्रम करती हैं।

सितारगंज विधानसभा क्षेत्र से महिला प्रत्याशी मालती विश्वास का कांग्रेस में टिकट कटने के बाद बंगाली समुदाय नाराज है।सैकड़ों मालती विश्वास के आवास पर पहुंचे और आक्रोश जताया। कांग्रेस से पिछले विधानसभा चुनाव में मालती विश्वास को टिकट मिला था। हालांकि चुनाव में उनको सौरभ बहुगुणा से हार का सामना करना पड़ा था।

मालती विश्वास दोबारा टिकट की दावेदार थीं। उन्होंने पार्टी से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई थी।इस बार यहां कांग्रेस ने नवतेज पाल सिंह को टिकट दिया है। बंगाली समाज के लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मालती विश्वास के पक्ष में आवाज बुलंद की।

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