कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी की राहुल गांधी पर अति निर्भरता जोखिमभरा है लेकिन यह जोखिम उठाए जाने लायक है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी बेहतर प्रदर्शन नहीं करती है तो भी इसका अर्थ यह नहीं है कि उनके लिए संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने चुनाव प्रचार में रॉबर्ट वाड्रा की मौजूदगी को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि वह परिवार के सदस्य के तौर पर ऐसा कर रहे हैं और गांधी परिवार के दामाद चुनाव जीतकर सांसद बनते हैं तो वह इसका स्वागत करेंगे।
अय्यर ने सीएनएन-आईबीएन के कार्यक्रम डेविल्स एडवोकेट में करण थापर से कहा, ‘राहुल गांधी ने उत्तरप्रदेश को अपने लिए विशेष मैदान बना दिया है।’
यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश में राहुल पर इतनी ज्यादा निर्भरता क्या कांग्रेस के इस युवा नेता की छवि के लिए बड़ा जोखिम नहीं है तो अय्यर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर। अगर आप जोखिम नहीं लेते हैं तो आप कभी नहीं जीतेंगे। इस क्रम में यह साबित होगा कि यह जोखिम तो था लेकिन वाकई लेने लायक था।’
यह पूछे जाने पर कि उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की हार राहुल के लिए झटका होगा? अय्यर ने कहा, ‘हां, परंतु यह रास्ते का अंत नहीं हागा। लेकिन अगर पार्टी चुनाव जीतती है तो उनके लिए संभावनाओं की शुरुआत होगी।’
नेहरू-गांधी परिवार को पार्टी के लिए ‘सबसे बड़ी संपत्ति’ करार देते हुए उन्होंने इस तर्क को खारिज कर दिया कि सोनिया गांधी ने उत्तरप्रदेश में प्रचार से खुद को पीछे कर लिया है।
अय्यर ने इस बात को भी खारिज किया कि कांग्रेस ‘वंशवादी राजनीति’ की पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने लोकतांत्रिक अधिकार के जरिए उत्तराधिकार हासिल किया है। (भाषा)