कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री के मुताबिक राहुल गांधी ने कई महीने पहले निजी बातचीत में कहा था कि अभी चुनाव हुए नहीं, पार्टी जीती नहीं लेकिन एक दर्जन से ज्यादा मुख्यमंत्री पद के दावेदार कांग्रेस में पैदा हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कितनी सीटी जीतेगी, इसे लेकर कोई भी छोटा-बड़ा नेता आश्वस्त नहीं है। बयानबाजी में भले ही नेता सरकार बनाने का दावा करें लेकिन निजी बातचीत में अलग-अलग आंकड़े बताते हैं। कोई कहता है कि पचास सीटें जीत जाएं तो उपलब्धि होगी, कोई यह आंकड़ा 70 से 80 तक बताता है।
राहुल के सारथियों में प्रमुख एक नेता के मुताबिक पार्टी की कोशिश 80 सीटें तक जीतने की है जिससे अगली सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका हो सके। लेकिन सूत्रों के मुताबिक खुद राहुल गांधी बेहद आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। उन्हें कांग्रेस की सरकार बनने का भरोसा है इसलिए वह कोई भी चूक नहीं करना चाहते हैं। राहुल को यह भरोसा लोकसभा चुनावों के आश्चर्यजनक परिणामों के बाद और मजबूत हुआ है। अपनी सभाओं और संपर्क अभियानों में उमड़ी भीड़ और विपक्षी नेताओं की तिलमिलाहट ने भी राहुल का हौसला और विश्वास बढ़ाया है।
लेकिन अगर राहुल की बात कि पार्टी में एक दर्जन से ज्यादा मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, का विश्लेषण किया जाए तो कांग्रेस में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखने वालों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी और विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी प्रमुख हैं। इनके अलावा एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बन चुके जगदंबिका पाल, मुलायम सिंह को मुख्यमंत्री बनाने पर पछताने वाले इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा भी लखनऊ के एनेक्सी भवन के पंचम तल पर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठने का सपना पाले हैं।
इनके अलावा प्रदेश में पहला मुस्लिम मुख्यमंत्री बनने का अरमान रखने वाले केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पार्टी और परिवार के प्रति वफादारी को प्रमुख आधार मानने वाले श्रीप्रकाश जायसवाल, मायावती के जवाब में कांग्रेस का दलित चेहरा बने पी.एल.पूनिया, युवा मुख्यमंत्री के नारे को साकार करने के नाम पर जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह के भी नाम संभावित दावेदारों में लिए जा रहे हैं। लेकिन यह तब होगा जब कांग्रेस सरकार बनाने के लायक या उसके करीब का आंकड़ा पा सकेगी। (नईदुनिया)