सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कर्मभूमि कहे जाने वाले अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस जनों के साथ साथ स्थानीय निवासियों का मानना है कि प्रियंका वाड्रा अपनी दादी दिवंगत इंदिरा गांधी की तरह साहसी और करिश्माई व्यक्तित्व की धनी हैं और वह देश की राजनीति में व्यापक बदलाव लाने में ज्यादा सक्षम हैं।
कांग्रेस से दशकों से जुड़े स्थानीय दुकानदार घनश्याम पाठक ने कहा कि हम राहुल से ज्यादा प्रियंका गांधी को पसंद करते हैं। जब वह अपने कार से उतरती हैं और लोगों की तरफ बढ़ती हैं तो ऐसा लगता है जैसे -मां दुर्गा के अवतार में-इंदिरा गांधी आपके सामने खड़ी हैं।
पाठक ने कहा कि वह अपनी दादी और पिता राजीव गांधी के विरासत की वास्तविक उत्तराधिकारी हैं। उन्हें निश्चित रूप से राजनीति में हाथ अजमाना चाहिए। उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा कांग्रेस के संचालन किए जाने के दिनों को याद किया।
इस दो ‘वीआईपी संसदीय क्षेत्रों’ के मतदाता कांग्रेस के प्रथम परिवार के प्रति निष्ठावान हैं, लेकिन वे महसूस करते हैं कि आज के नेहरू गांधी परिवार में प्रियंका सबसे ज्यादा करिश्माई और सक्षम हैं।
उनके (प्रियंका) गरीब लोगों विशेषकर महिलाओं के साथ जुड़ाव ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया है। कुछ कांग्रेस समर्थकों का मानना है कि यदि वह यहां से नहीं तो किसी और संसदीय सीट से राजनीति में उतर सकती हैं, लेकिन यह समय राजनीति में उतरने का है।
पाठक ने कहा कि वह अपने ससुराल मुरादाबाद या इस क्षेत्र के किसी संसदीय क्षेत्र चुनाव लड़ सकती हैं। एक बार जब वह राजनीति में उतर जाएंगी तो समाजवादी पार्टी और बसपा का खात्मा हो जाएगा।
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने इस महीने कांग्रेस के चुनाव प्रचार के लिए रायबरेली की यात्रा की थी। प्रियंका ने जोर देकर कहा था कि वह अपने भाई राहुल की मदद कर रही हैं जो उत्तर प्रदेश और अन्य चुनावी राज्यों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। (भाषा)