क्या तू मेरा प्यार है
जो नींद से जगाता है
तन्हाई में हँसाता है
हँसते-हँसते रूलाता है
बन के स्मृति आँखों में 
कैद हो जाता है। 
क्या तू मेरा प्यार है
जो मुझ पर हक जताता है 
दुनिया की परवाह किए बगैर 
मुझे अपनाता है
करता है दिन-रात दुआएँ
मेरी खैरियत की। 
क्या तू मेरा प्यार है
जो लड़ जाता है दुनिया से 
थाम लेता है जो मुझे 
मुसीबतों के भँवर में 
कहता है जो बार-बार 
सदा निभाऊँगा तेरा साथ। 
क्या तू मेरा प्यार है
जिसके लिए जीने को 
जी चाहता है
जिसके आगोश में 
खो जाने को आतुर हूँ मैं
हाँ, तू वही है ... मेरा सच्चा प्यार।