शास्त्रों में वर्णित है कि वसंत पंचमी के दिन ही शिव जी ने मां पार्वती को धन और सम्पन्नता की अधिष्ठात्री देवी होने का वरदान दिया था। उनके इस वरदान से मां पार्वती का स्वरूप नीले रंग का हो गया और वे ‘नील सरस्वती’ कहलाईं।
वसंत पंचमी के दिन नील सरस्वती का पूजन करने से धन और सम्पन्नता से सम्बंधित समस्याओं का समाधान होता है। वसंत पंचमी की संध्याकाल को ‘ऐं ह्रीं श्रीं नील सरस्वत्यै नम:’ मंत्र का जाप कर गौ सेवा करने से धन वृद्धि होती है।
उज्जैन में सरस्वती देवी की एक प्रतिमा सिंहपुरी क्षेत्र में बिजासन माता मंदिर के सामने प्रतिष्ठित हैं। जिन्हें सभी भक्त बरसों से स्याही अर्पित करते हैं। मान्यता है कि वही नील सरस्वती हैं।