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मां सरस्वती को वसंत पंचमी पर चढ़ाते हैं गुलाल, जानें इसका महत्व

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 30 जनवरी 2025 (09:06 IST)
Basant Panchami: बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को गुलाल चढ़ाना एक खूबसूरत और अर्थपूर्ण परंपरा है। यह हमें ज्ञान, सृजनशीलता, और खुशी का संदेश देता है। और वसंत पंचमी के दिन को इनके जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। आइए जानते हैं इस लेख में मां सरस्वती को वसंत पंचमी के दिन गुलाल चढ़ाने का क्या महत्व है...ALSO READ: बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है? जानें कैसे मनाएं सरस्वती जयंती
 
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को गुलाल चढ़ाने का एक गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यदि इसके महत्व पर नजर डालें तो गुलाल रंगों का प्रतीक है और बसंत ऋतु रंगों का मौसम होता है और गुलाल इसी रंगीनता को दर्शाता है। मां सरस्वती को गुलाल चढ़ाकर हम उनके सौंदर्य और कृपा को आमंत्रित करते हैं।
 
गुलाल का महत्व : मान्यता के अनुसार गुलाल ज्ञान और सृजनशीलता का भी प्रतीक है। यह शुभता और समृद्धि का भी प्रतीक है। इसी कारण यह भी माना जाता है कि देवी मां सरस्वती वसंत पंचमी पर गुलाल चढ़ाने से बुद्धि में वृद्धि होती है और रचनात्मकता बढ़ती है।

बता दें कि देवी सरस्वती का वर्ण श्‍वेत है। इन्हें शारदा, वाणी, वाग्देवी आदि नामों से भी पुकारा जाता है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण यह संगीत की देवी भी हैं। अत: मां सरस्वती को गुलाबी, पीला या सफेद रंग का गुलाल लगाना चाहिए, क्योंकि ये रंग ज्ञान और पवित्रता का प्रतीक माने जाते हैं। साथ ही इन्हें गुलाल लगाने से आसपास का वातावरण शुद्ध होकर चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।ALSO READ: मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए बसंत पंचमी पर लगाएं इन 5 चीजों का भोग?
 
गुलाल खुशी और उत्सव का प्रतीक है और बसंत पंचमी का दिन खुशियों और उल्लास से भरा होता है। अत: इस अवसर पर मां सरस्वती को गुलाल चढ़ाकर हम इस उत्सव को और अधिक खास बनाते हैं। इसे इस तरह भी समझा जा सकता हैं कि मां वीणावादिनी को हम गुलाल चढ़ाकर उन्हें उनकी जयंती पर एक तरह से शुभकामनाएं देने जैसा है। यह एक शुभ संकेत भी है और यह दर्शाता है कि हम मां सरस्वती से आशीर्वाद चाहते हैं।
 
ऐसा भी माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से जीवन में शुभ फल तथा विद्या और कला की प्राप्ति हो सकती है। और इस दिन मां सरस्वती को गुलाल चढ़ाने से हमें विशेष लाभ प्राप्त होता है, क्योंकि इसी दिन से वसंत ऋतु का आरंभ होने के कारण यह जीवन में खुशहाली, नयापन और हरियाली का प्रतीक होने के कारण माता को गुलाल चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होकर अच्छा वातावरण निर्मित होता है, जो व्यक्ति को मानसिक शांति और शक्ति देता है।

यदि रंगों की बात करें तो गुलाल को जीवंतता और उल्लास का प्रतीक माने जाने के कारण इसे मां सरस्वती पर अर्पित करने से जीवन में नया उत्साह और उमंग की शुरुआत होना माना जाता है। इसीलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को गुलाल चढ़ाकर उनकी इस सृजनशीलता का सम्मान किया जाता है ताकि हमारे जीवन में सफलता, समृद्धि और सकारात्मकता आ सके।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


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