पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाकवि कालिदास ने देवी सरस्वती (Goddess Saraswati) के कृपा से ही यश और ख्याति प्राप्त की थी। ऋषि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शौनक तथा व्यास जैसे महान ऋषि भी देवी साधना से ही कृतार्थ हुए थे।
अगर विद्यार्थियों को विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की प्राप्ति करना हैं तो वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आराधना और उपाय (Vasant Panchami ke Upay) करना चाहिए जिससे उन्हें माता सरस्वती (Mata Saraswati) की विशेष कृपा प्राप्त हो। प्राचीनकाल में बालकों को वसंत पंचमी दिन से ही शिक्षा देना प्रारंभ किया जाता था और यह परंपरा आज भी जीवित है। मान्यतानुसार इस दिन से शिक्षा प्रारंभ करने से बालक अपार सफलता और विद्या प्राप्त करता है।
इस वसंत पंचमी पर विद्यार्थी या छात्र (Students) करें ये सरल उपाय- Vasant Panchami Remedies
1. देवी मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए वसंत पंचमी पर प्रात:काल उठते ही हथेलियों के मध्य भाग के दर्शन करें।
2. वाक् सिद्धि के लिए वसंत पंचमी पर अपनी जिह्वा को तालु में लगाकर सरस्वती के बीज मंत्र 'ऐं' का जाप करना लाभदायक है।
3. बच्चों की कुशाग्र बुद्धि के लिए उन्हें इस दिन से ब्राह्मी, मेघावटी, शंखपुष्पी देना आरंभ करें।
4. वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थियों को अपनी कठिन पाठ्यपुस्तकों में मोर पंख रखने चाहिए।
5. जिनकी वाणी में हकलाना, तुतलाना जैसे दोष हों, वे इस दिन बांसुरी के छेद से शहद भरकर तथा मोम से बंद कर जमीन में गाड़ें। ऐसा करने से लाभ मिलेगा।