सीढ़ी : वास्तु के अनुसार मकान में सीढ़ी या सोपान पूर्व या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। यह अत्यंत शुभ होता है। अगर सीढ़ियाँ मकान के पार्श्व में दक्षिणी व पश्चिमी भाग की दाईं ओर हो, तो उत्तम हैं। अगर आप मकान में घुमावदार सीढ़ियाँ बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपके लिए यह जान लेना आवश्यक है कि सीढ़ियों का घुमाव सदैव पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व की ओर रखें। चढ़ते समय सीढ़ियाँ हमेशा बाएँ से दाईं ओर मुड़नी चाहिए।
एक और बात, सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए। एक सामान्य फार्मूला है- सीढ़ियों की संख्या को 3 से विभाजित करें तथा शेष 2 रखें- अर्थात् 5, 11, 17, 23, 29 आदि की संख्या में हों।
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वास्तु शास्त्र में भवन में सीढ़ियाँ वास्तु के अनुसार सही नहीं हो, तो उन्हें तोड़ने की जरूरत नहीं है। बस आपको वास्तु दोष दूर करने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक कमरा बनवाना चाहिए। यदि सीढ़ियाँ उत्तर-पूर्व दिशा में बनी हों, तो।
तिजोरी (गल्ला) : मकान में गल्ला कहाँ रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार मकान में तिजोरी-गल्ला, नकदी, कीमती आभूषण आदि सदैव उत्तर दिशा में रखना शुभ होता है। क्योंकि कुबेर का वास उत्तर दिशा में होता है इसलिए उत्तर दिशा की ओर मुख रखने पर धन वृद्धि होती है।